नई दिल्ली। नोटबंदी के 72 से अधिक दिन बीत जाने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने कहा है कि उसे चलन से हटाये गये नोटों की सही संख्या के बारे में अभी तक जानकारी नहीं है। उसने यह भी कहा है कि वह नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा कराए गए पुराने नोटों के आंकड़ों का अभी मिलान कर रहा है। संसद की लोक लेखा समिति (PAC) के समक्ष लिखित में RBI ने कहा, ‘चलन से कितने नोट बाहर किए गए हैं उनका आंकड़ा अभी तैयार किया जा रहा है।’
वित्त राज्यमंत्री ने पुराने नोटों के बारे में दी थी ये जानकारी
- वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 2 दिसंबर को संसद को लिखित जवाब में बताया था कि 8 नवंबर को कुल 15.44 लाख करोड़ रुपए के 500 और 1,000 के नोट चलन में थे।
- इनमें 1,716.5 करोड़ 500 के नोट तथा 685.8 करोड़ 1,000 के नोट हैं।
- रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल तथा डिप्टी गवर्नर आर गांधी तथा RBI के अन्य वरिष्ठ अधिकारी वरिष्ठ कांग्रेस नेता केवी थॉमस की अगुवाई वाली लोक लेखा समिति (PAC) के समक्ष ‘मौद्रिक नीति समीक्षा’ पर मौखिक सवाल जवाब के लिये पेश हुए।
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RBI को पुराने नोटों का आंकड़ा तैयार करने को कहा गया
- सूत्रों ने बताया कि RBI को कहा गया है कि वह 8 नवंबर के बाद बैंकों में जमा कराए गए पुराने नोटों का आंकड़ा तैयार करें।
- अपने जवाब में RBI ने कहा कि 50 दिन की नोटबंदी की अवधि में हजारों बैंक शाखाओं तथा डाक घरों में पुराने नोटों को बदला गया और जमा किया गया।
- इन नोटों को 4,000 करेंसी चेस्ट में जमा कराया गया। RBI ने कहा कि इन नोटों के आंकड़ों को अंतिम रूप देने का काम चल रहा है।
- रिजर्व बैंक ने समिति को सूचित किया कि उसके निदेशक मंडल ने 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने की सिफारिश की है।
- बोर्ड की बैठक 8 नवंबर को शाम साढ़े पांच बजे हुई थी।
प्रधानमंत्री ने किया था नोटबंदी का एेेलान
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसी दिन रात आठ बजे राष्ट्र के नाम संबोधन में नोटबंदी का ऐलान किया था।
- रिजर्व बैंक ने PAC के सदस्यों को यह भी सूचित किया कि नोटबंदी के मसले पर सर
कार और रिजर्व बैंक के बीच पिछले कुछ महीनों से विचार विमर्श चल रहा था। - इसके बाद रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के समक्ष इस प्रस्ताव को विचारार्थ पेश किया गया। बोर्ड ने इस प्रस्ताव की सिफारिश सरकार से की।