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बजट के बाद RBI की मौद्रिक नीति समिति की पहली बैठक शुरू,ब्याज दरें यथावत रहने की उम्मीद

रिसर्जेंट इंडिया के प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश गाडिया ने कहा कि रिजर्व बैंक नीतिगत दरों से छेड़छाड़ नहीं करेगा।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: February 03, 2021 19:15 IST
RBI's MPC starts deliberations on monetary policy- India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

RBI's MPC starts deliberations on monetary policy

नई दिल्‍ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की बैठक बुधवार को शुरू हुई। माना जा रहा है कि मौद्रिक नीति समिति नीतिगत ब्याज दर को यथावत रखते हुए नरम रुख को जारी रखेगी। आम बजट 2021-22 पेश होने के बाद यह एमपीसी की पहली समीक्षा बैठक है। द्विमासिक बैठक के नतीजों की घोषणा पांच फरवरी को की जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि एमपीसी इस बार नीतिगत दर रेपो में किसी तरह की कटौती नहीं करेगी। रेपो वह दर है जिस पर केंद्रीय बैंक वाणिज्यिक बैंकों को एक दिन के लिए पैसा उधार देता है।

ब्याज में कटौती की उम्मीद कम होने के बावजूद केंद्रीय बैंक से बाजार को अपेक्षा है कि वह पर्याप्त तरलता सुनिश्चित करने का प्रबंध करेग। बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश को प्रोत्साहन के लिए कर्ज की उपलब्धता जरूरी है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अगुवाई वाली एमपीसी ने मौद्रिक नीति पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। पिछली तीन मौद्रिक समीक्षा बैठकों में एमपीसी ने ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है। अभी रेपो दर चार प्रतिशत के रिकॉर्ड निचले स्तर पर है। वहीं रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत है। रिजर्व बैंक ने आखिरी बार 22 मई, 2020 में नीतिगत दरों संशोधन किया था। उस समय मांग को प्रोत्साहन के लिए केंद्रीय बैंक ने मौद्रिक नीति समिति की समीक्षा बैठक का इंतजार किए बिना ही दरों में कटौती की थी।

केंद्रीय बैंक पिछले साल फरवरी से रेपो दर में 1.15 प्रतिशत की कटौती कर चुका है। इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि दिसंबर में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति नीचे आई, लेकिन इसका रुख अभी नरम नहीं हुआ है। नायर ने कहा कि हमारा मानना है कि केंद्रीय बैंक अभी नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगा। अगस्त की मौद्रिक समीक्षा या उससे आगे वह अपने रुख को नरम से तटस्थ कर सकता है।

रिसर्जेंट इंडिया के प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश गाडिया ने कहा कि रिजर्व बैंक नीतिगत दरों से छेड़छाड़ नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि लघु अवधि में रिजर्व बैंक द्वारा नरम रुख से हटने की गुंजाइश नहीं है। टीम कंप्यूटर्स के निदेशक (वित्त) दीपक राय ने कहा कि हाल में पेश बजट के मद्देनजर रिजर्व बैंक का रुख क्या रहता है यह देखना दिलचस्प होगा। बजट में अगले वित्त वर्ष में रोजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.8 प्रतिशत रखा गया है। इसका आशय है कि सरकार को अधिक कर्ज लेना होगा। उन्होंने कहा कि ऐसे में रिजर्व बैंक के लिए नरम ब्याज दर के रुख को लंबे समय तक जारी रखना चुनौतीपूर्ण होगा।

आवास विकास कंपनियों के संगठन नारेडको राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हीरानंदानी समूह के प्रबंध निदेशक डॉ. निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि कंपनी जगत को उम्मीद है कि मौद्रिक नीति समिति की इस बैठक में भारतीय रिज़र्व बैंक ऐसे आवश्यक कदम उठाएगा, जो मजबूत आर्थिक वृद्ध दर को बनाने में सहायक होंगे। हमें उम्मीद है कि मौद्रिक नीति समिति अर्थव्यवस्था में पर्याप्त ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उपाये करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि दिवाला प्रक्रिया से मोहलत की आवधि को 6 महीने और बढ़ाया जाएगा तथा तनावग्रस्त और विलंबित परियोजनाओं के लिए अंतिम चरण तक वित्तीय समर्थन मिलेगा। 

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