नई दिल्ली। दुनिया भर में कमोडिटी की बढ़ती कीमतों और घरेलू स्तर पर महंगाई दर को नियंत्रित करने की जरूरत के बीच रिजर्व बैंक की तीन दिवसीय मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक शुरू हो गयी है। छह सदस्यीय मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (एमपीसी) के फैसले की घोषणा शुक्रवार को आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार को करेंगे। वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि केन्द्रीय बैंक लगातार आठवीं बार नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा। फिलहाल रेपो रेट 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट 3.35 प्रतिशत पर है।
ब्रिकवर्क रेटिंग्स के मुख्य आर्थिक सलाहकार एम गोविंदा राव ने कहा कि महामारी के बाद लगे प्रतिबंधों में ढील दिये जाने के कारण आपूर्ति की स्थिति में सुधार की वजह से जुलाई में महंगाई दर में नरमी देखने को मिली है। हालांकि अर्थव्यवस्था अभी भी रिकवरी मोड में है, ऐसे में एमपीसी पर ब्याज दरों में बदलाव या समायोजन के रुख को बदलने का कोई तत्काल दबाव नहीं है। हाउसिंग डॉट कॉम और प्रॉपराइटर डॉट कॉम के ग्रुप सीईओ ध्रुव अग्रवाल के मुताबिक हालांकि अधिकांश विकास संकेतक वर्तमान में सकारात्मक संकेत दिखाते हैं, आरबीआई से वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और चालू त्योहारी सीजन के दौरान मांग को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख नीतिगत दरों पर यथास्थिति बनाए रखने की उम्मीद है।
अग्रवाल ने कहा, "ऐतिहासिक रूप से कम ब्याज दर की इस मौजूदा व्यवस्था को पूरे त्योहारी सीजन के लिए जारी रखना भारत के रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए जरूरी है, जो भारत में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार पैदा करने वाला क्षेत्र है।"
एक्यूइट रेटिंग्स एंड रिसर्च के चीफ एनालिटिकल ऑफिसर सुमन चौधरी ने कहा: बाजार की उम्मीदों के अनुरूप, आरबीआई अक्टूबर 2021 में अपनी उदार मौद्रिक नीति को जारी रख सकती है, हालांकि यह संभावना है कि रिजर्व बैंक मौद्रिक प्रणाली में अतिरिक्त तरलता को देखते हुए अगली एक से दो तिमाही में कुछ और कदम उठा सकता है। वहीं ट्रस्ट म्युचुअल फंड के सीईओ संदीप बागला ने कहा कि आने वाले अगले दो सीपीआई आंकड़े 5 प्रतिशत से नीचे रह सकते हैं। उन्होने अनुमान दिया कि मौजूदा संकेतों को देखते हुए यह काफी संभावना है कि एमपीसी यथास्थिति बनाये रखने की नीति पर आगे बढ़े।" यदि आरबीआई शुक्रवार को नीतिगत दरों में यथास्थिति बनाए रखता है, तो यह लगातार आठवीं बार होगा जब ब्याज दर अपरिवर्तित रहेगी।