नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आखिरकार पॉलिसी दरों में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। RBI ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी कर दी है, इस बढ़ोतरी के बाद अब रेपो रेट बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो गया है। रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी के बाद रिवर्स रेपो रेट भी बढ़कर 6 प्रतिशत और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटी दर (MSF) भी बढ़कर 6.5 प्रतिशत हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से सत्ता संभाली है तब से पहली बार आज पॉलिसी दरों में बढ़ोतरी हुई है, आज से पहले RBI ने पिछले साढ़े 4 साल में दरों में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की थी। इस बार ऐसा पहली बार हुआ है कि ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 2 दिन के बजाय 3 दिन चली है।
RBI की तरफ से पॉलिसी दरों में बढ़ोतरी के बाद अब बैंकों पर ब्याज दरें बढ़ाने का दबाव बढ़ेगा, बैंक कर्ज के साथ डिपॉजिट की दरों में बढ़ोतरी कर सकते हैं, यानि आने वाले दिनों में होमलोन या कार लोन महंगा हो सकता है जबकि बॉन्ड और फिक्स डिपॉजिट पर दरों में इजाफा हो सकता है।
RBI पॉलिसी की मुख्य बातें इस तरह से हैं
- रेपो रेट बढ़कर 6.25 प्रतिशत, रिवर्स रेपो रेट 6 प्रतिशत और MSF 6.5 प्रतिशत हुआ।
- MPC के सभी सदस्यों ने महंगाई दर बढ़ाने के पक्ष में वोट किया
- 2018-19 के लिए ग्रोथ के अनुमान में बदलाव नहीं, 7.4 प्रतिशत ग्रोथ अनुमान बरकरार
- कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से मई में रिटेल महंगाई दर बढ़ने का अनुमान
- आरबीआई ने 2018-19 की पहली छमाही के लिये खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को संशोधित कर 4.8-4.9 प्रतिशत तथा दूसरी छमाही के लिये 4.7 प्रतिशत किया।
- आरबीआई के गवर्नर ने कहा कि 2018-19 के लिये सामान्य मानसून की भविष्यवाणी कृषि क्षेत्र के लिये शुभ संकेत है