नयी दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस के लक्ष्मी विलास बैंक में विलय के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। बैंक ने शेयर बाजार को बुधवार को दी गयी सूचना में कहा, 'आरबीआई ने नौ अक्टूबर 2019 को अपने पत्र के जरिए यह सूचित किया कि इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस लि. और इंडियाबुल्स कमर्शियल क्रेडिट लि. के लक्ष्मी विकास बैंक (एलवीबी) के साथ विलय के आवेदन को मंजूरी नहीं दी जा सकती।'
बैंक ने सात मई, 2019 को प्रस्तावित विलय के बारे में रिजर्व बैंक से मंजूरी मांगी थी। बता दें कि एलवीबी बैंक का अधिक मात्रा में फंसे कर्ज, जोखिम प्रबंधन के लिये पर्याप्त पूंजी की कमी तथा लगतार दो साल संपत्तियों पर नकारात्मक रिटर्न को देखते हुए पिछले महीने इस बैंक को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के अंतर्गत रखा गया है और इस पर ऋण देने की पाबंदी लगा दी गई है। पीसीए के तहत लक्ष्मी निवास बैंक पर कर्ज देने, नई शाखाएं खोलने और लाभांश का भुगतान करने पर रोक लग गयी है। बैंक को चुनिंदा क्षेत्रों को दिए कर्ज में कमी लाने पर भी काम करना होगा।
दिल्ली पुलिस के आर्थिक अपराध शाखा ने लक्ष्मी विलास बैंक के बोर्ड के खिलाफ शिकायत दर्ज करने और धन की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए यह कदम उठाया था। पुलिस बोर्ड में शामिल निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के आरोपों की जांच कर रही है। रिजर्व बैंक ने 31 मार्च 2019 को समाप्त वित्त वर्ष के लिए जोखिम की निगरानी के तहत हुई जांच के बाद यह कार्रवाई शुरू की है। बैंक को 2018-19 में 894.10 करोड़ रुपए का घाटा हुआ। वित्त वर्ष 19 के लिए एलवीबी का शुद्ध एनपीए 7.49 फीसद था।