मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय अनियमितताओं के चलते पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के कामकाज पर प्रतिबंध लगा दिया है। 23 सितंबर, 2019 को जारी अपने एक आदेश में आरबीआई ने कहा है कि बैंकिंग कामकाज में पारदर्शिता की कमी और कई मामलों में आरबीआई की बैंकिंग गाइडलाइंस का पालन न करने की वजह से यह कदम उठाया गया है।
केंद्रीय बैंक के मुख्य महाप्रबंधक योगेश दयाल ने कहा कि आरबीआई निर्देशों के अनुसार, जमाकर्ता बैंक में अपने सेविंग, करंट या अन्य किसी खाते में से 1,000 रुपये से ज्यादा रुपये नहीं निकाल सकते हैं। पीएमसी बैंक पर आरबीआई की अग्रिम मंजूरी के बिना ऋण और अग्रिम धनराशि देने या रीन्यू करने, किसी भी प्रकार का निवेश करने, फ्रेश डिपोजिट स्वीकार करने आदि से रोक लगा दी है।
वहीं भाजपा नेता किरीट सोमैय्या ने कहा है कि बैंक के बड़े कस्टमर डिफॉल्टर हो गए हैं और बैंक का एनपीए भी बढ़ गया है। बैंक के पास तरलता की समस्या आ रही थी इसलिए आरबीआई ने प्रति खाता एक हजार रुपए निकालने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि वह आरबीआई और वित्त विभाग से बातचीत कर रहे हैं और सीनियर सिटीजन व छोटे निवेशकों को एक लाख रुपए तक की निकासी करने की सुविधा देने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिनके लॉकर है उन्हें घबराहट हो रही है, बैंक लॉकर वालो को कोई समस्या नही है। बैंक की वित्तीय स्थित की सही जानकारी 2 से 4 दिन में पता चलेगी।
उल्लेखनीय है कि पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक की महाराष्ट्र में 103, कर्नाटक में 15, गोवा में 6 और दिल्ली में 6 शाखाएं हैं। लाखों ग्राहकों ने बैंक में अपना धन जमा कर रखा है। आरबीआई ने बैंक को बिना पूर्व अनुमति के कोई नया लोन देने से मना किया है। आरबीआई ने लोन रिन्यू करने पर भी रोक लगाई है। मार्च 2019 के मुताबिक बैंक के पास 11,617.34 करोड़ रुपए की जमा राशि है। बैंक ने 8,383.33 करोड़ रुपए का ऋण दे रखा है।
पीएमसी बैंक के ग्राहक एक दिन में अपने खाते से केवल एक हजार रुपए ही निकाल सकेंगे। बैंक को कोई भी नया निवेश करने से रोका गया है और न ही बैंक कोई नया जमा ले सकेगा। बैंक कोई कर्ज भी नहीं ले सकता है। बैंक को अपनी संपत्ति बेचने और ट्रांसफर करने से भी रोक दिया गया है।
पीएमसी बैंक की शाखाओं के बाहर हजारों ग्राहक जमा हो गए हैं और वो हंगामा कर रहे हैं। उन्हें अपने पैसे डूबने का डर सता रहा है। आरबीआई ने अपने आदेश में बैंक को कर्मचारियों का वेतन, दैनिक खर्चें, ब्याज का भुगतान आदि करने की अनुमति दी है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि यह प्रतिबंध 6 माह के लिए है और समीक्षा के बाद आगे निर्णय लिया जाएगा।