नई दिल्ली। देश में कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों को यह स्वतंत्रता दी है कि वह ट्रांजैक्शन के लिए बैंक सर्विस चार्ज की दर खुद ही तय करें। वित्त राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने शुक्रवार को यह जानकारी लोक सभा में दी।
उन्होंने बताया कि आरबीआई ने सभी बैंकों से कार्ड भुगतान पर लगने वाला बैंक ट्रांजैक्शन चार्ज खत्म करने का प्रस्ताव किया है। साथ ही आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरों को भी घटाने की सिफारिश की है।
- आरबीआई ने क्रेडिट कार्ड बकाया पर ब्याज दरों को नियंत्रण मुक्त कर दिया है।
- आरबीआई द्वारा समय-समय पर अग्रिमों पर ब्याज दर के लिए नियामकीय निर्देश जारी किए जाते हैं जिसके अधीन बैंक अपने संबंधित बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की मंजूरी से ब्याज दरें निर्धारित कर रहे हैं।
- कमीशन वसूलने की दर पर आरबीआई ने कोई जानकारी नहीं दी है।
- राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने व्यापारियों को आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) के जरिये भुगतान करने पर 0.5 प्रतिशत प्रोत्साहन देने की योजना को मंजूरी दी है।
- 1 जनवरी से 31 मार्च 2017 के दौरान पीओएस डिवाइस पर डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) को एक हजार रुपए के लेनदेन तक 0.25 प्रतिशत तय किया गया है।
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- एक हजार से दो हजार रुपए के लेनदेन की सीमा पर एमडीआर को 0.5 प्रतिशत तय किया गया है।
- आरबीआई ने यह निर्णय लिया है कि 3 मार्च 2017 तक बैंक और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट इश्यूअर उपभोक्ताओं से इमीजियेट पेमेंट सर्विस (आईएमपीएस), अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डाटा (यूएसएसडी) और यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के जरिये किए जाने वाले 1000 रुपए के तक लेनदेन पर किसी तरह का शुल्क न वसूलें।