नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक की तरफ से विडियोकॉन ग्रुप की दिए लोन में कथित घोटाले का मामला नया नहीं है, अंग्रेजी समाचार वेबसाइट द हिंदू की खबर के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पास यह मामला पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के कार्यकाल में ही आ गया था और RBI को इस मामले में कोई सबूत नहीं मिला था जिसके बाद RBI ने जांच बंद कर दी थी।
बैंकिंग इंडस्ट्री के सूत्रों के हवाले से लिखी गई खबर के मुताबिक ICICI बैंक ने RBI के सवालों का विस्तारपूर्वक जवाब दिया था जिसके बाद RBI को कोई सबूत नहीं मिला था और RBI ने जांच बंद कर दी थी। पिछले हफ्ते अरविंद गुप्ता नाम के जिस व्यक्ति ने 3250 करोड़ रुपए के ICICI बैंक और विडियोकॉन के कथित घोटाले को सार्वजनिक किया था, 2 साल पहले भी उसी ने RBI और सरकार के साथ इसकी शिकायत की थी।
खबर के मुताबिक मार्च 2016 में अरविंद गुप्ता ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री से की थी, शिकायत की कॉपी वित्त मंत्रालय, उस समय RBI गवर्नर रघुराम राजन, उस समय सेबी चेयरमैन यू के सिन्हा, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशायल को भी भेजी गई थी। ICICI बैंक ने भी इस बात की पुष्टि की है कि 2 साल पहले यह मामला मीडिया में आया था और उस समय इसके बारे में जानकारी दे दी गई थी।
बैंक ने कहा है कि अप्रैल 2012 में 12 बैंकों के कॉन्सोर्टियम ने मिलकर वीडियोकॉन इंडस्ट्री को 40,000 करोड़ रुपए का लोन देने का फैसला किया था जिसमें से ICICI बैंक ने 3250 करोड़ रुपए का ही लोन दिया था जो कि कुल लोन का 10 प्रतिशत भी नहीं था।