नई दिल्ली। बैंकिंग एवं वित्त क्षेत्र के विशेषज्ञों ने शुक्रवार को कहा कि नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखने का रिजर्व बैंक का निर्णय कोरोना वायरस महामारी की मौजूदा परिस्थिति के मद्देनजर वृद्धि पर ध्यान बनाये रखकर मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने का प्रयास है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक के बाद कहा कि समिति के सदस्यों ने घरेलू और वैश्विक वृहद आर्थिक और वित्तीय स्थितियों का मूल्यांकन किया और नीतिगत रेपो दर को चार प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखने के पक्ष में सर्वसम्मति से मतदान किया। दास ने कहा, ‘‘समिति ने जब तक आवश्यक हो - कम से कम चालू वित्त वर्ष के और अगले वर्ष के दौरान- मौद्रिक नीति के उदार रुख को भी बनाये रखने का निर्णय लिया, ताकि आने वाले समय में मुद्रास्फीति को तय दायरे में रखना सुनिश्चित करते हुए कोविड-19 के प्रतिकूल असर को दूर करते हुये आर्थिक वृद्धि में टिकाऊ आधार पर सुधार लाया जा सके।’’
एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा कि यह नीतिगत घोषणा दरों में कटौती किये बिना जितना उदार रखा जाना संभव था, उतना आक्रामक तरीके से है। बंधन बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री एवं शोध प्रमुख सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि आरबीआई ने आर्थिक वृद्धि की राह पर वापस लौटने का समर्थन करने के लिये अपनी प्रतिबद्धता से अवगत कराया है। यह स्थिति तब है, जब एमपीसी के हाथ नीतिगत दरों के संबंध में वास्तव में बंधे हुए थे। इंडियन बैंक की प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी पद्मजा चुंदरु ने कहा, ‘‘मौद्रिक नीति की घोषणा कुल मिलाकर सकारात्मक और विकासोन्मुखी है। आरबीआई गवर्नर ने सही उल्लेख किया है कि अर्थव्यवस्था को उबारने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिये। अत: उदार रुख अपेक्षित था। आरामदायक तरलता की स्थिति बनाये रखने के लिये आरबीआई का आश्वासन बाजार को भरोसा देगा।’’
लक्ष्मी विलास बैंक के ट्रेजरी प्रमुख आरके गुरुमूर्ति ने कहा कि नीतिगत घोषणा में अर्थव्यवस्था के समक्ष उपस्थित जोखिमों को पहचाना गया है और आर्थिक वृद्धि के लिये तरलता उपलब्ध कराने की जरूरत को भी समझा गया है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा की प्रधान अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि नीतिगत बयान ने आर्थिक गतिविधि के परिदृश्य पर एक भरोसेमंद टिप्पणी की है। विशेष रूप से चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में मामूली वृद्धि का अनुमान। सीबीआरई इंडिया, दक्षिण पूर्व एशिया, मध्य पूर्व और अफ्रीका के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुमान मैगजीन ने कहा कि आरबीआई ने एक आक्रामक रुख बनाये रखा है जो अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक है।