नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) बैंकों की निगरानी के काम में अपने अधिकारियों को अधिक कुशल और प्रशिक्षित बनाने के लिए एक पर्यवेक्षण कॉलेज की स्थापना करने की योजना पर काम कर रहा है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एक कार्यक्रम में यह बात कही।
हाल में यह बात सामने आई है कि केंद्रीय बैंक के पर्यवेक्षक पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक में लंबे समय से चल रहे घोटाले को पकड़ पाने में असफल रहे थे। उसके बाद केंद्रीय बैंक यह कदम उठाने जा रहा है। पीएमसी बैंक तीन साल तक अपने लेखा-जोखा तैयार करने में कथित रूप से फर्जी काम करता रहा और केंद्रीय बैंक के पर्यवेक्षक वार्षिक निरीक्षण में उसे पकड़ने में विफल रहे।
दास ने यह बात सप्ताहांत पर अहमदाबाद विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में इस पहल की जानकारी दी। विश्वविद्यालय ने बैंकों के राष्ट्रीयकरण के 50 साल पूरे होने पर यह कार्यक्रम आयोजित किया था। विश्वविद्यालय ने दास के हवाले से एक बयान में कहा कि यह अपरिहार्य है कि पर्यवेक्षण अधिकारियों के कौशल और स्तर को नियमित आधार पर बढ़ाना चाहिए। हम इस संबंध में बहुआयामी दृष्टिकोण अपना रहे हैं। हम पर्यवेक्षकों के लिए एक कॉलेज स्थापित करने जा रहे हैं ताकि उनके पर्यवेक्षण और नियमन कौशल को और निखार दिया जा सके।
दास ने कहा कि रिजर्व बैंक पहले ही इस साल एक नवंबर से एकीकृत पर्यवेक्षण विभाग और एकीकृत नियमन विभाग गठित कर चुका है। यह केंद्रीय बैंक को वाणिज्यिक बैंक, सहकारी बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की ज्यादा बेहतर तरीके से निगरानी करने में सक्षम बनाएगा।
पंजाब नेशनल बैंक, यूनियन बैंक को प्रस्तावित विलय के लिये मिली सरकार की मंजूरी
पंजाब नेशनल बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को अन्य सरकारी बैंकों के साथ विलय के लिए सरकार की सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। पंजाब नेशनल बैंक ने बीएसई को बताया कि ‘बैंक को वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाओं के विभाग से 13 नवंबर की तिथि का पत्र मिला है।
इसमें बताया गया कि उसके साथ ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के विलय को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गई है। यूनियन बैंक ने भी अलग से बताया कि उसके साथ आंध्र बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक के विलय को सरकार की मंजूरी मिल गई है।