मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक की एक समिति ने संपत्ति पुनर्गठन कंपनियों (एआरसी) के कामकाज को सुव्यवस्थित करने के लिए दबाव वाली संपत्तियों की बिक्री को ऑनलाइन मंच का निर्माण करने और एआरसी को दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) प्रक्रिया के दौरान समाधान आवेदकों के रूप में काम करने की मंजूरी देने सहित कई सुझाव दिए।
रिजर्व बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक सुदर्शन सेन की अध्यक्षता वाली समिति ने सुझाव दिया कि एआरसी को वैकल्पिक निवेश कोष (एआईएफ), विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई), संपत्ति प्रबंधन कंपनी (एएमसी) सहित सभी विनियमित संस्थाओं से वित्तीय संपत्ति हासिल करने और म्यूचुअल फंड तथा आवास वित्त कंपनियों सहित सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों की ओर से निवेश करने की मंजूरी देने के लिए सरफेसी अधिनियम की धारा पांच के दायरे का विस्तार किया जाए। वसूली और कारोबार के पुनरुद्धार दोनों ही सुनिश्चित करने के मामले में एआरसी का प्रदर्शन अबतक कमजोर रहा है।
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस का शुद्ध लाभ घटा
पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस का शुद्ध लाभ सितंबर में समाप्त चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 25 प्रतिशत घटकर 235 करोड़ रुपये रह गया। आवास वित्त कंपनी ने इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 313 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ कमाया था। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक द्वारा प्रवर्तित पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस ने कहा कि उसके निदेशक मंडल ने 4,000 करोड़ रुपये की तरजीही निर्गम योजना को छोड़ दिया है। तिमाही के दौरान कंपनी का शुद्ध ब्याज मार्जिन तीन प्रतिशत रहा, जो एक साल पहले समान तिमाही में 3.5 प्रतिशत था। कंपनी ने बयान में कहा कि तिमाही के दौरान उसकी शुद्ध ब्याज आय 23 प्रतिशत घटकर 651 करोड़ रुपये से 503 करोड़ रुपये रह गई।