नई दिल्ली। ऑनलाइन फंड ट्रांसफर करने वालों को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने तोहफा दिया है। दरअसल, ऑनलाइन एक बैंक खाते से दूसरे बैंक खाते में मनी ट्रांसफर करने पर कन्विनिएंस फीस लगती है जिसे अब आरबीआई ने मुफ्त करने का निर्देश दिया है। आरबीआई ने डिजिटल रिटेल पेमेंट को प्रमोट करने के लिए ये फैसला लिया है। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे बचत खाता धारकों के लिए एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिए होने वाली सभी ऑनलाइन पेमेंट्स को मुफ्त करें।
आरबीआई के नोटिफिकेशन के मुताबिक, 'नए नियम के तहत सेविंग बैंक खाताधारकों से एनईएफटी के जरिए होने वाली ऑनलाइन फंड ट्रांसफर पर कोई शुल्क नहीं लगेगा।' नया नियम 1 जनवरी, 2020 यानी नए साल से लागू होगा। आपको बता दें, जुलाई में आरबीआई ने एनईएफटी और आरटीजीएस पर लगने वाले ट्रांसजेक्शन पर लगने वाले प्रोसेसिंग चार्ज को कम कर दिया था। कई बैंकों ने इसे पहले से ही मुफ्त कर रखा है और अब बाकी बचे बैंकों को अगले महीने से ऐसा करने को कहा गया है।
आरबीआई ने हाल ही में सभी बैंको के लिए ये घोषणा की है कि वे सेविंग बैंक एकाउंट्स रखने वाले लोगों से नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) ट्रांजेक्शंस पर लगने वाला शुक्ल को न लें। एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक ने ऑनलाइन एनईएफटी लेन-देन को अपने ग्राहकों के लिए फ्री कर दिया है। भारत के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने योनो, इंटरनेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग ग्राहकों के लिए आईएमपीसी, आरटीजीएस और एनईएफटी के जरिए ट्रांजेक्शन को फ्री किया हुआ है। इसी तरह एचडीएफसी बैंक ने भी एनईएफटी ट्रांजेक्शंस पर कोई चार्जेज नहीं लेता है।
आरबीआई के निर्देश के बाद अब एनईएफटी ट्रांजेक्शंस 365 दिन 24 घंटे हो सकती है, जबकि पहले ये सुविधा वर्किंग डेज और वर्किंग ऑवर्स में ही उपलब्ध थी। रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट सिस्टम (आरटीजीएस) के तहत 2 लाख रुपए या अधिक की राशि ट्रांसफर की जा सकती है। इसके जरिए तुरंत फंड ट्रांसफर हो जाता है। नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर (एनईएफटी) के जरिए राशि ट्रांसफर करने के लिए न्यूनतम सीमा तय नहीं है। इसके जरिए फंड ट्रांसफर में आधे से एक घंटे तक का वक्त लग जाता है।