नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग (पीएसएल) से जुड़े संशोधित दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि सभी संबंधित पक्षों से व्यापक विचार-विमर्श के बाद देश की उभरती हुई जरूरतों और समावेशी विकास को ध्यान में रखते हुए PSL से जुड़े दिशा-निर्देशों में समीक्षा के बाद संशोधन किया गया। नई गाइडलाइन में फ्रेंडली लेंडिंग पॉलिसी पर जोर दिया गया है। इसका मकसद लंबी अवधि के विकास लक्ष्यों को हासिल करना है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि 'छोटे एवं सीमांत किसानों' और 'कमजोर तबके' के लिए तय लक्ष्य को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जा रहा है।
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स्टार्टअप्स के लिए 50 करोड़ रुपए का बैंक फाइनेंस मिल सकेगा
आरबीआई ने कहा है कि पीएसएल से जुड़े नए दिशा-निर्देशों में प्रायोरिटी सेक्टर के तहत ऋण दिए जाने में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने की कोशिश की गई है। साथ ही जिन जिलों में प्रायोरिटी सेक्टर के तहत दिए जाने वाले कर्ज का फ्लो अपेक्षाकृत रूप से कम है, उन्हें ज्यादा वेटेज दिया गया है। आरबीआई के मुताबिक, पीएसएल में स्टार्टअप्स के लिए 50 करोड़ रुपये का बैंक फाइनेंस मिल सकेगा। अब किसानों को सोलर प्लांट्स लगाने और कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट्स के लिए भी प्रायोरिटी सेक्टर के तहत लोन मिल सकेगा। आयुष्मान भारत के तहत क्रेडिट भी डबल कर दिया गया है। बता दें कि, आरबीआई ने इससे पहले पीएसएल दिशानिर्देश की समीक्षा आखिरी बार अप्रैल 2015 में की थी।
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नवीकरणीय ऊर्जा के लिए कर्ज की सीमा को बढ़ाकर दोगुना किया गया
RBI ने कहा है कि पीएसएल के संशोधित दिशा-निर्देशों के तहत ग्रिड कनेक्टेड एग्रीकल्चर पंप को सौर-ऊर्जा आधारित बनाने के लिए सोलर पावर प्लांट्स की स्थापना और कम्प्रेस्ड बॉयो गैस प्लांट्स लगाने के लिए भी PSL स्कीम के तहत लोन मिल सकेगा। इसके साथ ही इस पहल से नवीकरणीय ऊर्जा और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में भी क्रेडिट फ्लो बढ़ेगा। इसकी वजह यह है कि नवीकरणीय ऊर्जा के लिए कर्ज की सीमा को बढ़ाकर दोगुना कर दिया गया है। इसके साथ ही हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी लोन की सीमा को दोगुना तक बढ़ाया गया है। आरबीआई के इस फैसले के बाद छोटे व सीमांत किसानों और समाज के कमजोर व वंचित तबके को बैंक से आसानी से लोन मिल सकेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि आरबीआई ने पीएसएल से जुड़े दिशा-निर्देश किए हैं। इससे ऋण की कमी वाले क्षेत्रों में और क्रेडिट को सक्षम बनाया जाएगा।
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चिह्नित किये गये कम क्रेडिट प्राप्त करने वाले जिले
इसके अतिरिक्त केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि कुछ चिह्नित जिलों के लिए प्रायोरिटी सेक्टर क्रेडिट को बढ़ाया गया है। इनमें वो जिले शामिल हैं, जहां पहले प्रायोरिटी सेक्टर क्रेडिट की कमी देखने को मिली थी। छोटे व सीमांत किसानों और कमजोर वर्ग के लिए क्रेडिट टार्गेट को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाया जाएगा। फार्मर्स प्रोड्यूसर्स ऑर्गेनाइजेशन (FPO) व फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनियों (FPC) के लिए उच्च क्रेडिट लिमिट तय किया गया है। बता दें कि आरबीआई ने बीते महीने ने र्स्टाअप को प्रायॉरिटी सेक्टर लेंडिंग में शामिल किया था।
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