नई दिल्ली। बैंकों के ATM फिर से खाली हो गए है। ज्यादातर लोग ATM में कैश नहीं मिलने से परेशान हो रहे है, लेकिन इस बार कैश की किल्लत बैंक की वजह से नहीं बल्कि आम लोगों की वजह से ही हो रहा है। अंग्रेजी बिजनेस अखबार इकोनॉमिक टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक एटीएम इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि ATM मशीनों में कैश की सप्लाई अब नोटबंदीसे पहले दिनों जैसी ही है लेकिन आम लोग कैश ज्यादा निकाल रहे हैं। इसीलिए माना जा रहा है कि RBI करेंसी री-सर्कुलेशन को लेकर जल्द बड़ा कदम उठा सकता है।
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इसलिए ATM से खत्म हो रहा है कैश
- इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि कैश सप्लाइ अभी नोटबंदी के ऐलान से पहले के वाले लेवल के 80-85 फीसदी पर पहुंच गई है, लेकिन कैश क्रंच के डर के कारण कई लोग नकदी जमा कर रहे हैं।
एनसीआर कॉर्पोरेशन के इंडिया सर्विसेज जनरल मैनेजर आनंद गैरोलू ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि जब भी किसी ATM में 500 रुपए के नोट डाले जाते हैं, लोग लाइन लगा लेते हैं और जरूरत न होने पर भी ये नोट निकालने लगते हैं। मेरा मानना है कि लोगों के मन में बैठा डर दूर होने में कुछ और हफ्ते लगेंगे और फिर स्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाएगी।
- गैरोलू ने कहा कि ATM में लोगों का आना-जाना अब भी 8 नवंबर के पहले के स्तर से ज्यादा बना हुआ है।
- उन्होंने कहा, अगर पहले एटीएम में औसतन रोज 120 कस्टमर आते थे, तो अभी यह आंकड़ा 130-140 का है, जो करीब 10 फीसदी ज्यादा है।
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सिस्टम में 65 फीसदी करेंसी की हुई वापसी
- इंडस्ट्री के लोगों का कहना है कि जनवरी के अंत तक आंकड़ा बढ़कर रेग्युलर लेवल के 65 फीसदी तक पहुंच गया था। अपनी सब्सिडियरी इकाई सिक्यॉरवैल्यू इंडिया के जरिए एटीएम में कैश डालने वाली एजीएस टेक्नॉलजीज के एमडी रवि गोयल ने कहा, फरवरी के अंत तक सप्लाइ बिल्कुल सामान्य हो जाएगी।
- आपको बता दें कि 500 और 1000 रुपए के नोटों को रद्द घोषित करने के ऐलान के बाद एटीएम में कैश डालने की दर 71 फीसदी तक घट गई थी।
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RBI ने उठाए थे कदम
- नोटबंदी के ऐलान के बाद RBI ने एटीएम मैन्युफैक्चरर्स की एक स्पेशल टीम बनाई थी, जिसमें कैश लॉजिस्टिक्स कंपनियों को भी शामिल किया गया था।
- टीम को नए नोटों के हिसाब से एटीएम में बदलाव करने का जिम्मा दिया गया था।
- नए नोट रद्द किए गए नोटों के मुकाबले आकार में करीब 20 फीसदी छोटे हैं।