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फरवरी में मिल सकता है सस्‍ते कर्ज का एक और तोहफा, RBI रेपो रेट में कर सकता है 25 अंकों की कटौती

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) फरवरी में पेश होने वाली अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।

Abhishek Shrivastava
Published on: January 13, 2017 17:47 IST
फरवरी में मिल सकता है सस्‍ते कर्ज का एक और तोहफा, RBI रेपो रेट में कर सकता है 25 अंकों की कटौती- India TV Paisa
फरवरी में मिल सकता है सस्‍ते कर्ज का एक और तोहफा, RBI रेपो रेट में कर सकता है 25 अंकों की कटौती

नई दिल्‍ली। जीएसटी के लागू होने को लेकर अनिश्चितता, क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतों और मध्‍यम अवधि में सीपीआई का 4 फीसदी रखने की चुनौती के साथ भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) फरवरी में पेश होने वाली अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकता है।

एचएसबीसी ने एक रिपोर्ट में कहा है कि

हमें उम्‍मीद है कि फरवरी में 25 आधार अंकों की कटौती होगी, लेकिन ऐसा अंदेशा है कि जीएसटी के लागू होने की अनिश्चितता, बढ़ती तेल कीमतें, सरकारी कर्मचारियों को हाउसिंग एलाउंस को लागू करना और मध्‍यम अवधि में सीपीआई को चार फीसदी पर बनाए रखने की चुनौती कुछ ऐसे कारक हैं, जो नीतिगत दरों में कटौती की राह में बाधा खड़ी कर सकते हैं।

  • आरबीआई ने चालू वित्‍त वर्ष की तीसरी तिमाही में उपभोक्‍ता मूल सूचकांक पर आधारित मुद्रास्‍फीति को 5 फीसदी रखने का लक्ष्‍य तय किया है और मध्‍यम अवधि का लक्ष्‍य 2 फीसदी उतार-चढ़ाव के साथ 4 फीसदी है।
  • दिसंबर में खुदरा महंगाई दर घटकर 3.41 प्रतिशत रही है, जो कि पिछले 25 महीने का सबसे निचला स्‍तर है। नवंबर में यह 3.63 प्रतिशत थी।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई 5 प्रतिशत सीपीआई लक्ष्‍य को मार्च तक आराम से हासिल कर लेगा।
  • एचएसबीसी ने कहा कि नोटबंदी के बाद से खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी आई है।
  • नवंबर में आईआईपी भी 13 महीने के उच्‍च स्‍तर 5.7 प्रतिशत बढ़ गया, जो अक्‍टूबर में 1.9 प्रतिशत घटा था।
  • एचएसबीसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चल रहे नकदी संकट की वजह से अक्‍टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी और जनवरी-मार्च तिमाही में 6 प्रतिशत रहेगी।
  • वित्‍त वर्ष 2017-18 में इसके 7.5-8 प्रतिशत बने रहने की उम्‍मीद है।

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