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रिजर्व बैंक अगली बैठक में बदल सकता है मौद्रिक नीति का रुख, आम लोगों को लग सकता है झटका

आने वाले वक्‍त में ब्‍याज दरों में कटौती की उम्‍मीद कर रहे लोगों को बड़ा झटका लग सकता है। जून में होने वाली समीक्षा बैठक में रिजर्व बैंक ब्‍याज दरों में बढ़ोत्‍तरी कर सकता है।

Written by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: April 20, 2018 12:35 IST
RBI- India TV Paisa

RBI

मुंबई। आने वाले वक्‍त में ब्‍याज दरों में कटौती की उम्‍मीद कर रहे लोगों को बड़ा झटका लग सकता है। जून में होने वाली समीक्षा बैठक में रिजर्व बैंक ब्‍याज दरों में बढ़ोत्‍तरी कर सकता है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की पिछली बैठक के ब्यौरे से इस बात के संकेत मिलते हैं कि जून में होने वाली बैठक में मौद्रिक नीति के रूख में बदलाव आ सकता है। 

अप्रैल में हुई अंतिम बैठक के ब्यौरे के अनुसार, रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने 4-5 जून को होने वाली अगली नीतिगत बैठक में मौद्रिक रूख में बदलाव का पक्ष लिया। आज जारी ब्यौरे में बताया गया कि कार्यकारी निदेशक माइकल देवब्रत पात्रा ने अप्रैल में ही 25 आधार अंकों की कटौती का पक्ष लिया था। हालांकि अन्य सदस्यों ने यथास्थिति बरकरार रखने का पक्ष लिया था। वहीं आरबीआई के डिप्‍टी गर्वनर ने आने वाले वक्‍त में ब्‍याज दरें बढ़ोत्‍‍‍‍‍तरी के संंकेत दिए हैं। 

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली छह सदस्यी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने चार-पांच अप्रैल को हुई मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में मानक दर रेपो को लगातार तीसरी बार अपरिवर्तित रखा। आरबीआई ने मॉनिटरिंग पॉलिसी के मिनट्स जारी किए हैं। इसके अनुसार इस बैठक में उर्जित पटेल ने बताया था कि अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार के संकेत हैं। उन्‍होंने जानकारी दी थी कि वर्ष 2018-19 में जीडीपी 7.4 फीसदी से भी ज्‍यादा तेजी से बढ़ सकती है। उनके अनुसार इसका कारण निवेश गतिविधियां बढ़ना है। बैंक और नॉन बैंक निवेश गतिविधियों में बढ़त दर्ज हो रही है।

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