नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ब्याज दरों पर बैठक का आज आखिरी दिन है। दोपहर को बैठक का फैसला आएगा। माना जा रहा है कि इस बार RBI ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा, लेकिन उसके महंगाई के अनुमान में कटौती की जा सकती हैं। इससे महंगाई दर के कम रहने की सूरत में आगे चलकर ब्याज दरों में कमी की गुंजाइश बन सकती है। एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस बार RBI की कमेंट्री पर निगाहें रहेंगी, क्योंकि उसी से आने वाली बैठक में क्या होगा उसका संकेत मिल सकता है।
ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद नहीं
कोटक सिक्योरिटीज के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट-करेंसी एंड डेरिवेटिव्स अनिंद्य बनर्जी का कहना है कि RBI बैठक में किसी तरह की रेट कट की उम्मीद नहीं है और आरबीआई का रवैया यथावत बना रहेगा। नोटबंदी के बाद इकोनॉमी में जो मंदी आई थी अब उसके खत्म होने के संकेत मिलने शुरु हो गए हैं, ऐसे में आरबीआई को जल्दबाजी में रेटकट करने की कोई जरूरत नहीं है। यह भी पढ़े: RBI सिखाएगा बैंकों से जुड़ी शिकायत करने के तरीके, डिजिटल लेनदेन के बारे में भी करेगा जागरूक
घरेलू रेटिंग एजेंसी ICRA के मुताबिक मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती की संभावना नजर नहीं आ रही है। हालांकि, पहले की तुलना में केंद्रीय बैंक का रुख कम आक्रामक हो सकता ICRA के प्रबंध निदेशक एवं समूह मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेश टक्कर ने कहा कि अप्रैल में मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने मुद्रास्फीति को लेकर जो कुछ जोखिम बताए थे, अब वे मानसून के परिदृश्य में सुधार, वस्तु एवं सेवा कर (GST) के कर ढांचे को तय किए जाने और जिंस कीमतों में कमी के बाद कम हो गए हैं। यह भी पढ़े: मोबाइल नंबर की तरह बैंक एकाउंट के लिए भी शुरू हो पोर्टेबिलिटी, RBI डिप्टी गवर्नर ने दिया सुझाव
आईडीएफसी बैंक के ट्रेजररी हेड पीयूष वाधवा ने कहा, रिजर्व बैंक महंगाई दर के अनुमान को घटा सकता है, लेकिन वह ब्याज दरों में कटौती नहीं करेगा। अगर रेट कट होता है तो यह आरबीआई की घोषित पॉलिसी से अलग होगा। कुछ समय पहले रिजर्व बैंक ने रेट पर न्यूट्रल रुख कर लिया था।
RBI घटा सकती है महंगाई दर का अनुमान
बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच के कंट्री ट्रेजरर और मैनेजिंग डायरेक्टर जयेश मेहता ने बताया, आरबीआई महंगाई दर के अनुमान में आधा पर्सेंट की कटौती कर सकता है क्योंकि इन्फ्लेशन में कमी आई है। उन्होंने कहा, कंज्यूमर इन्फ्लेशन में कमी के चलते ब्याज दरों में कटौती की अटकलें तेज हो गई हैं, लेकिन आरबीआई अभी इस तरह का कदम नहीं उठाएगा। हालांकि, सितंबर में वह ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, क्योंकि तब तक उसे मानसून के असर का पता लग जाएगा। यह भी पढ़े: इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग ट्रांजैक्शन में ग्राहकों के हितों की सुरक्षा करेगा RBI, अंतिम दिशानिर्देश जल्द होगा जारी
एसबीआई के ग्रुप चीफ इकनॉमिस्ट सौम्य कांति घोष ने कहा कि देश में रिटेल इन्फ्लेशन 4 फीसदी से कम रह सकती है और 2017-18 में महंगाई दर में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2017 की हर तिमाही में इसमें गिरावट देखी गई है।
RBI कमेंट्री पर टिकी निगाहें
यूनाइटेड बैंक के एमडी पवन कुमार बजाज का कहना है कि कल की पॉलिसी मीट में किसी तरह की रेट कट की उम्मीद नहीं दिख रही है। लेकिन आज की बैठक में आरबीई की कमेंट्री पर सबकी नजरें रहेंगी। 1 जुलाई से जीएसटी लागू होने वाला है जिस पर आरबीआई की नजरें रहेंगी, हो सकता है कि अगस्त में आरबीआई कुछ रेटकट करे। इसके संकेत हो सकता है कि आपको कल की आरबीआई पॉलिसी में देखने को मिलें।
महंगाई 3 फीसदी के नीचे आई
2017-18 में अप्रैल से सितंबर के बीच आरबीआई ने महंगाई दर का अनुमान 4.5 फीसदी रखा है। वहीं, दूसरी छमाही में उसे इसके 5 फीसदी रहने की उम्मीद है। रिटेल इन्फ्लेशन अप्रैल में 2.99 फीसदी के रिकॉर्ड लो लेवल पर आ गई थी, जबकि मार्च में यह 3.89 फीसदी के साथ पांच महीने के पीक पर थी। यह भी पढ़े: RBI जल्द जारी करेगा 1 रुपए का नया नोट, शक्तिकांत दास के होंगे इस पर हस्ताक्षर
ब्याज दरें घटने से ज्यादा फायदा नहीं होगा
लक्ष्मी विलास बैंक के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर एन एस वेंकटेश ने बताया, ‘बैंकिंग सिस्टम में काफी कैश है, जिससे रेट्स कम हो रहे हैं। अभी आरबीआई के रेट घटाने का बहुत असर नहीं होगा बल्कि उलटे इससे देश में फाइनेंशियल सेविंग्स को चोट पहुंच सकती है। अगर अभी रिजर्व बैंक रेट घटाता है तो इससे रियल इंटरेस्ट रेट में कमी आएगी, जिससे बचत करने वालों को नुकसान होगा।