नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बंधन बैंक के एमडी और सीईओ के वेतन पर लगी पाबंदियों को हटा दिया है। बैंक के प्रमोटर की हिस्सेदारी को केंद्रीय बैंक के मानदंडों के अनुरूप 40 फीसदी से नीचे लाए जाने के बाद एमडी और सीईओ के वेतन पर लगी पाबंदी को हटाने का फैसला किया गया है।
आरबीआई ने सितंबर 2018 में बंधन बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध लगाते हुए बैंक के एमडी और सीईओ के वेतन को फ्रीज करने का निर्देश दिया था। निजी क्षेत्र के नए बैंकों के लिए आरबीआई के लाइसेंसिंग से जुड़े नियमों का अनुपालन नहीं करने की वजह से बंधन बैंक पर तमाम तरीके की पाबंदियां लगाई गई थी। लाइसेंसिंग दिशानिदेशरें के अनुसार, नॉन-ऑपरेटिंग फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी (एनओएफएचसी) को बैंक की पेड-अप वोटिंग इक्विटी पूंजी के 40 फीसदी तक अपनी अतिरिक्त हिस्सेदारी लाने की आवश्यकता है।
एक नियामक फाइलिंग में बैंक ने सोमवार को कहा कि आरबीआई ने 17 अगस्त, 2020 के अपने कम्युनिकेशन के जरिए बैंक के एमडी और सीईओ के वेतन को फ्रीज करने की पाबंदी को भी हटा लिया है। बंधन बैंक ने कहा है कि," केंद्रीय बैंक के इस हालिया फैसले के साथ 19 सितंबर, 2018 को बैंक पर लगाई गई सभी तरह की नियामकीय पाबंदियां हट गई हैं।" बंधन फाइनेंशियल होल्डिंग्स लिमिटेड द्वारा इस महीने की शुरूआत में ब्लॉक डील के जरिए अपनी हिस्सेदारी 20.95 फीसदी कम करने के बाद अब खबर सामने आई है। इस सौदे के बाद, बैंक में कंपनी की हिस्सेदारी 40 फीसदी है।