नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति में इस बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट 6.75 फीसदी के स्तर पर बरकरार है। वहीं, रिवर्स रेपो रेट भी 5.75 फीसदी पर बना हुआ है। जबकि सीआरआर 4 फीसदी और एसएलआर 21.5 फीसदी पर स्थिर है। आरबीआई ने सितंबर में 0.50 फीसदी ब्याज दरों में कटौती कर सबको सरप्राइज दिया था। लेकिन इस बार महंगाई को ध्यान में रखते हुए सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में कटौती नहीं करने का फैसला किया है। सस्ते लोन के लिए उपभोक्ताओं को और इंतजार करना होगा।
महंगाई बढ़ने की आशंका से नहीं घटी दरें
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगस्त सितंबर में महंगाई दर रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई थी, लेकिन अक्टूबर में यह चार महीने की ऊंचाई पर पहुंच गई है। अक्टूबर में सीपीआई महंगाई दर 4.1 फीसदी से बढ़कर 5 फीसदी पर पहुंच गई थी। इसको देखते हुए सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों में कटौती नहीं करने का फैसला किया है। हालांकि एक्सपर्ट्स ने उम्मीद जताई है कि अगले साल की शुरुआत में ब्याज दरों में कटौती हो सकती है।
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आरबीआई ने उपभोक्ता को नहीं दी राहत
सितंबर में रघुराम राजन ने सबको सरप्राइज करते हुए ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती की थी। जिसके बाद बैंकों ने भी ब्याज दरों को कुछ कम किया था। इससे आम उपभोक्ता को राहत जरुर मिली है। लेकिन, उन लोगों को झटका लगा है, जो इस समीक्षा बैठक में ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद लगाए बैठे थे। हालांकि स्विस की ब्रोकरेज हाउस यूबीएस के मुताबिक रिजर्व बैंक चालू वित्त वर्ष में रेपो रेट में 0.25 फीसदी फीसद की और कटौती करेगा। यूबीएस का अनुमान है कि अगले साल सेंट्रल बैंक नीतिगत दरों में आधा फीसदी की कटौती कर सकता है। कुल मिलाकर ब्याज दरों में 0.75 फीसदी की उम्मीद है। अगर ऐसा होता है तो लोगो की ईएमआई कम होगी और महंगाई से कुछ राहत मिलेगी।