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महंगाई से चिंतित आरबीआई ने नहीं दी कोई राहत, जानिए समीक्षा बैठक की 10 बड़ी बातें

भारतीय रिजर्व बैकं (आरबीआई) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याद दरों (रेपो रेट) में कोई बदलाव नहीं किया है।

Written by: India TV Business Desk
Updated on: February 06, 2020 13:16 IST
RBI, repo rate, inflation- India TV Paisa

RBI keeps repo rate unchanged at 5.15 per cent amid accelerating inflation

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैकं (आरबीआई) ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में नीतिगत ब्याद दरों (रेपो रेट) में कोई बदलाव नहीं किया है। रिजर्व बैंक ने 4 से 6 फरवरी तक चली समीक्षा बैठक के बाद मौजूदा वित्त वर्ष 2019-20 की छठी और अंतिम मौद्रिक नीति का ऐलान कर दिया है। गुरुवार को पेश मौद्रिक नीति में आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो में कोई बदलाव नहीं किया है। जानिए आरबीआई मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक की 10 बड़ी बातें।

  1. चालू वित्त वर्ष 2019-20 की 6वीं द्विमासिक मौद्रिक नीति का एलान करते हुए ​आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट को 5.15 फीसदी पर बरकरार रखा है। रिवर्स रेपो रेट भी 4.90 फीसदी पर बरकरार है। रिजर्व बैंक ने CRR 4 फीसदी और SLR 18.5 फीसदी पर बनाए रखा है। 
  2. गुरुवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 5.15 प्रतिशत पर यथावत रखा। इससे पहले लगातार 5 बार कटौती करते हुए रेपो रेट में 1.35 प्रतिशत की कमी की गई थी। रिजर्व बैंक ने अगले वित्त वर्ष 2020-2021 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है। 
  3. गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरी बार ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया है। इससे पहले दिसंबर की बैठक में भी आरबीआई ने ब्याज दरें स्थिर रखी थीं। 
  4. रिजर्व बैंक ने कहा कि जब तक संभव है, वह नीतिगत रुख को उदार बनाए रखेगा। अर्थव्यवस्था में नरमी बरकरार है, आर्थिक वृद्धि दर संभावित क्षमता से नीचे है। आम लोगों के साथ शेयर बाजार और उद्योग की नजर आज आने वाली मौद्रिक नीति पर टिकी थीं। 
  5. रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने रेपो दर यथावत रखने का पक्ष लिया। वहीं रिजर्व बैंक ने 2020-21 में आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। 
  6. रिजर्व बैंक को निकट भविष्य में मुद्रास्फीति के उच्च बने रहने की आशंका, कुल मिलाकर मुद्रास्फीति का परिदृश्य बेहद अनिश्चित।
  7. यह 2020 की पहली मौद्रिक नीति है। यह ऐसे समय में आई है, जब आम बजट 2020 पेश किया जा चुका है और जीडीपी ग्रोथ अपने 6 साल के निचले स्तर पर है। वहीं दिसंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर 7.35 फीसदी पर पहुंच गया है। 
  8. बता दें कि रेपो रेट वह दर है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है, इसमें कमी होने से लोन सस्ते होते हैं। आरबीआई नीतियां व ब्याज दरें तय करते वक्त खुदरा महंगाई दर को ध्यान में रखता है।
  9. बताया जा रहा है कि बजट 2020 के बाद आरबीआई को महंगाई की चिंता सता रही है जिसके चलते रिजर्व बैंक ने लगातार दूसरी बार नीतिगत दरों में कोई परिवर्तन किए बिना स्थिर रखा है। जीडीपी ग्रोथ बढ़ाने की चुनौती भी आरबीआई के सामने है। 
  10. फिलहाल आरबीआई को ग्रोथ में रिकवरी और महंगाई के कंफर्ट जोन में आने का इंतजार रहेगा। आरबीआई के अनुसार छोटी अवधि में महंगाई बढ़ सकती है। रिजर्व बैंक ने जनवरी से मार्च के बीच महंगाई में हल्की बढ़ोत्तरी का अनुमान जताया है। वहीं, अप्रैल से सितंबर 2020 के बीच सीपीआई इनफ्लेशन 5 से 5.4 फीसदी रहने का अनुमान है। हालांकि, जनवरी में सीपीआई इनफ्लेशन क्या रह सकता है, इस पर कोई अनुमान नहीं दिया है।

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