नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने त्वरित सुधारात्मक कदम उठाते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के IDBI Bank को अपनी निगरानी में रखा है। इस निगरानी के तहत बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं जिसमें नया कर्ज देने और लाभांश वितरण पर भी पाबंदी लगाई जा सकती है। IDBI Bank ने एक नियामकीय सूचना में कहा है- यह सूचित किया जाता है कि ऊंचे NPA और संपत्ति पर नकारात्मक रिटर्न को देखते हुए RBI ने 5 मई को IDBI Bank के मामले में त्वरित सुधारात्मक कारवाई शुरू की है।
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IDBI Bank की कर्ज में फंसी राशि यानी NPA दिसंबर में समाप्त तिमाही के दौरान 80 फीसदी बढ़कर 35,245 करोड़ रुपए पर पहुंच गया। इस दौरान बैंक ने 2,255 करोड़ रुपए का घाटा दर्ज किया। इस अवधि दौरान बैंक का एसेट रिटर्न भी नुकसान में रहा।
IDBI Bank के बयान में कहा गया है कि RBI के इस कदम से बैंक के कामकाज पर कोई अहम प्रभाव नहीं होगा, बल्कि इससे बैंक का आंतरिक नियंत्रण बेहतर होगा और उसकी गतिविधियों में सुधार आयेगा। इससे पहले इंडियन ओवरसीज बैंक को भी 2015 में त्वरित सुधारात्मक कारवाई के तहत लाया गया था जब बैंक का NPA 10 फीसदी पर पहुंच गया था। RBI द्वारा लगाई गई गड़ी शर्तों के बाद बैंक की वित्तीय स्थिति में सुधार आने के बाद इन्हें धीरे-धीरे हटा लिया गया था।
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RBI ने पिछले महीने त्वरित सुधारात्मक कारवाई (PCA) के तहत प्रावधानों का नया सेट जारी किया था। इसमें यह शर्त भी जोड़ी गई थी कि यदि बैंक के कामकाज में सुधार नहीं दिखाई देता है तो उसे या तो विलय कर दिया जाएगा या दूसरा बैंक उसका अधिग्रहण कर लेगा।