मुंबई। सेविंग अकाउंट वालों के लिए खुशखबरी है। अब मिनिमम बैलेंस ना होने पर भी अकाउंट माइनस में नहीं जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश जारी कर कहा कि बैलेंस शून्य होने पर लगने वाला नॉन मेंटीनेंस चार्ज ग्राहकों से नहीं वसूला जाए। दरअसल, सेविंग अकाउंट में बैंकों ने न्यूनतम बैलेंस की सीमा तय कर रखी है। बैलेंस कम होने पर बैंक अकाउंट मेंटेन न रखने की एवज में ग्राहकों से पैसे वसूलते हैं और बैलेंस शून्य होने पर भी बैंक ये चार्ज लगाते हैं, जिससे अकाउंट में माइनस चला जाता है।
ऐसा ना होने पर कर सकते हैं शिकायत
आरबीआई ने कहा, यदि कोई बैंक सेविंग अकाउंट से चार्ज वसूलता है और इससे बैलेंस माइनस में चला जाता है तो ग्राहक इसकी शिकायत कर सकता है। ज्यादातर ऐसे मामले सैलरी अकाउंट से जुड़े हुए हैं। नौकरी देने वाली कंपनी सैलरी अकाउंट खुलती है लेकिन नौकरी बदलने पर वह बैंक खाता बचत खाते में बदल जाता है। इसके बाद बैंक मिनिमम बैलेंस का नियम लगा देते हैं। इसके चलते वे नॉन मेंटीनेंस चार्ज वसूलते हैं, इससे बैलेंस माइनस में चला जाता है।
तस्वीरों में देखिए करंसी नोट्स पर सिक्योरिटी फीचर्स
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पिछले साल लागू होना था नियम
पिछले साल से ही यह नियम प्रभावी हो गया था लेकिन कुछ बैंक अभी भी यह चार्ज वसूल रहे थे। आरबीआई ने 2014 में इस संबंध में दिशानिर्देश बदले थे। इसके बाद एक अप्रैल 2015 से यह निर्देश लागू हो गए थे। आरबीआई ने बैंकों से कहा था कि वे ग्राहकों की परेशानी का फायदा उठाएं। बैंक बैलेंस से पैसा काटने से पहले वे ग्राहकों को एडवांस नोटिस दें।