नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मंगलवार को निजी क्षेत्र के बैंकों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि महामारी से उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए लोगों के लिये कर्ज सुविधा समेत विभिन्न वित्तीय सेवाएं जारी रहे। इसी महीने, गवर्नर ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशकों और सीईओ (मुख्य कार्यपालक अधिकारी) के साथ इसी तरह की बैठक की थी। निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशक और सीईओ के साथ बैठक के दौरान दास ने उनसे 5 मई, 2021 को आरबीआई द्वारा घोषित उपायों को सही ढंग से और तेजी से लागू करने को भी कहा।
उल्लेखनीय है कि इसी महीने पांच मई को आरबीआई ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी कंपनियों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की रियायती ऋण सुविधा उपलब्ध कराने की घोषणा की। इसके अलावा एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम) क्षेत्र के लिये कर्ज सुविधा बेहतर करने, कर्ज पुनर्गठन और केवाईसी को युक्तिसंगत बनाये जाने का ऐलान किया। आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘‘गवर्नर ने बैंकों को महामारी से उत्पन्न चुनौतियों को देखते हुए यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि व्यक्तियों और कंपनियों को ऋण सुविधाओं सहित विभिन्न वित्तीय सेवाएं मिलती रहें।’’
दास ने उनसे अपने बही-खातों को सुदृढ़ करने पर भी ध्यान देने का आग्रह किया। वीडियो कांफ्रेन्स के जरिये आयोजित बैठक के दौरान मौजूदा आर्थिक और बैंक क्षेत्र की स्थिति, अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों खासकर छोटे कर्जदार एवं एमएसएमई को ऋण प्रवाह पर भी चर्चा की गयी। बैठक में डिप्टी गवर्नर एम के जैन, एम राजेश्वर राव, माइकल देबव्रत पात्रा और टी रवि शंकर भी उपस्थित थे।