नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल ने आज बैंकों से अपील की है कि उन्हें पिछड़ रहे क्षेत्रों में ऋण की मांग को प्रोत्साहित करने के लिए अपनी ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि बैंकों को कम लागत की जमा राशियों की बाढ़ और आरबीआई की ओर से पहले की गई नीतिगत ब्याज दर में कटौतियों का फायदा हुआ है।
पटेल ने कहा,
हमने रेपो रेट में जो कटौती की है और साथ ही बैंकों के पास जो नकदी जमा की बाढ़ आई है, जो करेंट अकाउंट और बचत खाते की जमा है, उसका उन्हें फायदा हुआ है। इसके मद्देनजर बैंकों को ब्याज दरों में कटौती करनी चाहिए।
तस्वीरों में देखिए आम बजट की 10 खास बातें
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- उन्होंने बैंकों के कर्ज की दर में कटौती की गुंजाइश पर जोर देते हुए कहा कि ऋणों पर ब्याज दर में औसत कटौती काफी कम रही है। ऐसे में हमें लगता है कि ब्याज दरों में और कटौती की कुछ गुंजाइश है।
- यदि आप आवास, व्यक्तिगत जैसे क्षेत्र देखें तो अन्य क्षेत्रों के लिए उन्हीं बैंकों द्वारा ब्याज में अपेक्षाकृत अधिक कटौती की गई है।
- गवर्नर ने उम्मीद जताई कि कुछ ऐसे क्षेत्रों में ब्याज दरों में और कटौती की जाएगी, जहां अभी तक कटौती काफी कम रही है।
- इसी सप्ताह रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर को 6.25 प्रतिशत तथा रिवर्स रेपो दर को 5.75 प्रतिशत पर कायम रखा है।
- जनवरी, 2015 से सितंबर, 2016 तक केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में 1.75 प्रतिशत तक की कटौती की है।