भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ बैठक की। इस बैठक में गवर्नर ने बैंकों को बताया कि केंद्रीय बैंक की बैंकिंग क्षेत्र से क्या उम्मीदें हैं। केंद्रीय बैंक सात फरवरी को चालू वित्त वर्षकी छठी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा की घोषणा करेगा। यह नए गवर्नर के कार्यकाल में पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक होगी।
दास ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के सीईओ के साथ बैठक के बाद कहा, ‘‘इस बैठक का मकसद मुख्य रूप से उन्हें यह बताना था कि बैंकिंग क्षेत्र से हमारी क्या उम्मीद हैं। विशेषरूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से हम क्या उम्मीद करते हैं। इसके अलावा हम उनसे मौजूदा बैंकिंग स्थिति तथा भविष्य के परिदृश्य के बारे में जानना चाहते थे।’’
उम्मीद जताई जा रही है कि मुद्रास्फीति में नरमी को देखते हुए रिजर्व बैंक आगामी मौद्रिक समीक्षा बैठक में नीतिगत दरों में कटौती करेगा। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में घटकर 18 माह के निचले स्तर 2.19 प्रतिशत पर आ गई है। नवंबर, 2018 यह 2.33 प्रतिशत तथा दिसंबर, 2017 में 5.21 प्रतिशत पर थी। थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में घटकर आठ माह के निचले स्तर 3.80 प्रतिशत पर आ गई है जो नवंबर में 4.64 प्रतिशत तथा दिसंबर, 2017 में 3.58 प्रतिशत पर थी।