नयी दिल्ली। कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के बीच अर्थव्यवस्था को राहत देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मिनी पॉलिसी की घोषणा की। कोरोना संकट पर भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ी राहत देते हुए हेल्थ इमरजेंसी के तौर पर बैंकों को कई तरह के राहत देने का ऐलान किया है। इसके तहत 25 करोड़ तक लोन लेने वालों को रीस्ट्रक्चरिंग की सुविधा मिलेगी। लेकिन ये सुविधा उनको ही मिलेगी जिन्होंने अब तक लोन रीस्ट्रक्चरिंग नहीं कराई है।
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एक अनिर्धारित संवाददाता सम्मेलन में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं, जिसकी मुख्य बातें इस तरह हैं -
- अर्थ व्यवस्था उबरना शुरू हो गयी थी पर स्थित अब बदल गई है और ताजा संकट का सामना करना पड़ रहा है।
- आरबीआई कोविड-19 मामलों में फिर बढ़ोतरी से पैदा हुए हालात की लगातार निगरानी कर रहा है, सभी संसाधनों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- आरबीआई अर्थव्यवस्था में वित्तीय संसाधनों का प्रवाह बढ़ाने के लिए सरकारी प्रतिभूति खरीद कार्यक्रम (जी-सैप 1.0) के तहत 20 मई को 35,000 करोड़ रुपये की दूसरी खरीद करेगा।
- बैंकों 31 मार्च 2022 तक अस्पतालों, ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ताओं, वैक्सीन आयातकों, कोविड दवाओं को 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज देंगे।
- आरबीआई ने 25 करोड़ रुपये तक कर्ज लेने वाले व्यक्तिगत, छोटे उधारकर्ताओं को ऋण के पुनर्गठन का दूसरा मौका दिया, यदि उन्हें पहली बार में इस सुविधा का लाभ न लिया हो तो।
- आरबीआई ने केवाईसी अनुपालन मानदंडों को तर्कसंगत बनाने की घोषणा की
- कुछ श्रेणियों के लिए वीडियो-आधारित केवाईसी का प्रावधान किया।
- राज्य सरकारों को 30 सितंबर तक ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाने के नियमों में ढील दी।
- वायरस से लड़ने के लिए संसाधनों का उचित प्रबंधन करना होगा।
- खाद्य और ईंधन मुद्रास्फीति ने महंगाई को बढ़ा दिया है, हालांकि सामान्य मानसून के पूर्वानुमान से खाद्य मुद्रास्फीति में मदद मिलने की उम्मीद है।