मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति ने नीतिगत समीक्षा से पहले वित्त मंत्रालय के चर्चा के आग्रह को खारिज कर दिया। आरबीआई के गर्वनर उर्जित पटेल ने बुधवार को यह खुलासा किया। आरबीआई ने सरकार की उम्मीद को धता बताते हुए लगातार चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा में प्रमुख ब्याज दर को 6.25 फीसदी पर यथावत रखा है।
हालांकि पटेल ने यह नहीं बताया कि वित्त मंत्रालय से यह आमंत्रण कब मिला था। पटेल से यह पूछा गया कि क्या मंत्रालय ने आरबीआई की स्वतंत्रता और स्वायत्तता पर हमला किया था। उन्होंने कहा, समिति ने इस आमंत्रण को स्वीकार नहीं किया।छह सदस्यीय एमपीसी ने पिछले साल अक्टूबर से दरों पर निर्णय लेने का काम शुरू किया है।
यह पहली बार है कि सदस्यों के बीच सर्वसम्मति से निर्णय नहीं लिया गया। पांच सदस्यों ने दर यथावत रखने और एक सदस्य ने इसके विरोध में मतदान किया था। एमपीसी के छह सदस्यों में से तीन सरकार द्वारा नामित किए गए हैं, जबकि तीन सदस्य आरबीआई के हैं।