मुंबई। RBI गवर्नर रघुराम राजन ने मंगलवार को क्रेडिट पॉलिसी की समीक्षा के बाद कहा कि किसी के लिए विदेशीं खाते खालेने का वैध कारण हो सकता है। ऐसे में विभिन्न एजेंसियों वाला जांच दल पनामा से लीक किये गये दस्तावेजों में सामने आये भारतीयों के खातों की जांच करेगी। वैधानिकता की जांच के बाद ही यह तय होगा कि ये विदेश में खोले गए ये खातें वैध हैं या नहीं। सरकार ने इस जांच दल की घोषणा सोमवार को की थी। रिजर्व बैंक भी इस जांच दल का हिस्सा है। पनामा दस्तावेजों में सामने आए नामों में कई नामचीन हस्तियों समेत करीब 500 भारतीयों के नाम शामिल हैं।
राजन ने 2016-17 की पहली द्वैमासिक मौद्रिक नीति जारी करने के बाद संवाददाताओं से कहा, जाहिर है हम भी जांच करने वालों में शामिल हैं। यह ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है कि देश से बाहर खाते रखने की वैध वजहें भी होती हैं। उन्होंने कहा, उदारीकृत रेमिटांस योजना (LRS) से आपको धन बाहर रखने में मदद मिलती है। फिर भी यह देखना है कि क्या वैध, क्या नहीं। यह जांच का काम है और यह काम किया जाएगा। एलआरएस के तहत देश में रहने वाले वयस्क, अल्प-वयस्क व्यक्तियों एक वर्ष में किसी भी स्वीकृत चालू या पूंजीगत खातेे या दोनों में कुल मिला कर 2,50,000 डालर की पूंजी बाहर भेजने की छूट है।
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