नई दिल्ली। रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन सितंबर में अपना कार्यकाल खत्म होने के बाद दूसरा कार्यकाल नहीं लेना चाहते। हाल में आईं मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया गया है। राजन इस बावत सरकार तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं। गवर्नर पद छोड़ने के बाद राजन का मन अमेरिकी विश्वविद्यालय में जाकर भारतीय अर्थव्यवस्था पर शोध कार्य करने का है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके उलट चाहते हैं कि राजन दूसरे कार्यकाल में भी गवर्नर पद पर बने रहें।
सुब्रामण्यन स्वामी ने किया था राजन का विरोध
राजन पर हाल ही में भाजपा नेता सुब्रामण्यन स्वामी ने हमला किया है और उन्हें पद से तुरंत हटाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को दो बार पत्र भी लिखा है। इसमें राजन पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। स्वामी के आरोपों की अनदेखी करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ये इच्छा जताई है कि राजन अभी इस पद पर बने रहे। स्वामी द्वारा की गई आलोचना पर भाजपा के कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं, ऐसा कहा जा रहा है कि इस मामले में स्वामी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का समर्थन प्राप्त है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पीएम मोदी राजन को आरबीआई गवर्नर के तौर पर 2 साल का सेवा विस्तार देना चाहते हैं। रघुराम राजन पर लगे आरोप के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उनका समर्थन किया था। रिपोर्ट्स के अनुसार जेटली ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा है कि यदि राजन को पद से हटाया जाता है तो इसका दुनियाभर में गलत संदेश जाएगा। राजन को विभिन्न औद्योगिक संगठनों और थिंक टैंक का समर्थन भी प्राप्त है, जो ये सोचते है की वह विश्व के बहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक हैं। उनका कहना है कि राजन भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़े बदलाव कर सकते हैं, जो देश की तरक्की के लिए सही होंगे।
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