नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने जीडीपी दर के निगेटिव में जाने का अनुमान दिया है। इसके साथ ही उन्होने अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों में जारी मुश्किलों की बात भी की है। हालांकि उन्होने ये भी माना है कि कुछ ऐसे क्षेत्र भी हैं जहां प्रदर्शन बेहतर बना हुआ है जिसमें कृषि और विदेशी मुद्रा भंडार शामिल हैं।
गर्वनर के मुताबिक फिलहाल कृषि क्षेत्र से काफी उम्मीदें बनी हुई हैं। अच्छे मॉनसून और बेहतर पैदावार की वजह से कृषि सेक्टर में ग्रोथ दर्ज हो सकती है। सरकार भी मान रही है कि कृषि क्षेत्र की मदद से पूरी जीडीपी पर दबाव कुछ सीमा तक कम हो सकता है। सरकार ने अनुमान दिया है कि इस साल भी रिकॉर्ड पैदावार होगी। वहीं ल़ॉकडाउन के समय कृषि कार्यों को छूट देने से फसलों की कटाई और बुवाई भी समय से चल रही है। हाल ही में ऑटो सेक्टर की कंपनियों ने उम्मीद जताई थी कि कृषि क्षेत्र से ट्रैक्टर और फार्म इक्विपमेंट की मांग के संकेत मिल रहे हैं। ऑटो सेक्टर को उम्मीद है कि कृषि क्षेत्र की मदद से कंपनियां दबाव को एक हद तक कम कर सकती हैं।
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने वहीं भारत के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार पर भी संतोष जताया है। गर्वनर के मुताबिक भंडार में लगातार बढ़त दर्ज हो रही है और फिलहाल वो एक साल के इंपोर्ट बिल के लिए पर्याप्त है। इससे अर्थव्यवस्था को झटके सहने में मदद मिलेगी। फिलहाल देश का विदेशी मुद्रा भंडार अपने ऑल टाइम हाई के करीब है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 8 मई को समाप्त सप्ताह में 4.23 अरब डॉलर बढ़कर 485.31 अरब डॉलर पर पहुंच गया। भंडार इससे पहले छह मार्च को 487.23 अरब डॉलर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर तक पहुंचा था।