नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की नए वित्त वर्ष 2018-19 की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक 4 और 5 अप्रैल को होगी। खुदरा मुद्रास्फीति दर में गिरावट के मद्देनजर इस बैठक में एमपीसी नीतिगत दरों में बदलाव पर फैसला ले सकती है।
रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) पर रखने का लक्ष्य दिया गया है। पिछली तीन द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठकों में केंद्रीय बैंक ने रेपो दर को छह प्रतिशत पर कायम रखा है।
केंद्रीय बैंक ने आज 2018-19 के लिए मौद्रिक समीक्षा बैठकों का कैलेंडर जारी किया। वित्त वर्ष की पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक 4 और 5 अप्रैल को होगी। वहीं अंतिम बैठक 5 और 6 फरवरी को होगी। पहली बैठक के नतीजे 5 अप्रैल को घोषित किए जाएंगे।
उद्योग चाहता है कि औद्योगिक उत्पादन को रफ्तार देने के लिए केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में कटौती करे। रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल की अगुवाई वाली एमपीसी के अन्य सदस्यों में डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य, कार्यकारी निदेशक देवव्रत पात्रा शामिल हैं। समिति के बाहरी सदस्यों में चेतन घाटे, पमी दुआ और रविंद्र ढोलकिया शामिल हैं।