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निवेश चक्र में दिखना शुरू हुए सुधार के संकेत, आर्थिक नरमी को खत्‍म करने के लिए जरूरी कदम उठाएगा RBI

दास ने कहा कि विवेकपूर्ण वृहद आर्थिक मानदंडों पर समझौता किए बिना, हमने वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती, धन उपलब्धता की स्थिति सुधारने जैसे कदम उठाए हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: December 16, 2019 12:14 IST
RBI Governor Das says investment cycle beginning to show signs of revival- India TV Paisa
Photo:RBI GOVERNOR DAS SAYS INV

RBI Governor Das says investment cycle beginning to show signs of revival

नई दिल्‍ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को कहा कि आरबीआई द्वारा किए गए 1,539 कंपनियों के सर्वेक्षण से निवेश चक्र में सुधार के संकेत दिखने शुरू हो गए हैं। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक आर्थिक नरमी, मुद्रास्फीति में वृद्धि, बैंकों और एनबीएफसी की वित्तीय हालत को ठीक करने के लिए जरूरी कदम उठा रहा है और आगे भी उठाएगा।

अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में आर्थिक नरमी के लिए केवल वैश्विक कारक पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था पर सूचनाओं और आंकड़ों के आधार पर चर्चा करने की जरूरत है। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक ने समझ लिया था कि आर्थिक वृद्धि की रफ्तार सुस्त पड़ने वाली है और उसने सुस्ती शुरू होने से पहले ही फरवरी से रेपो दर में कटौती शुरू कर दी थी।

उन्होंने कहा कि भारत को विनिर्माण क्षेत्र पर ध्यान देना चाहिए और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनना चाहिए। केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से बुनियादी ढांचे पर खर्च आर्थिक वृद्धि के लिए अहम है। उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सभी विकसित और उभरती अर्थव्यस्थाओं द्वारा समन्वित और समयबद्ध तरीके से कदम उठाने की आवश्यकता है।

दास ने बताया कि भविष्य में आर्थिक वृद्धि का समर्थन करने के लिए बैंकों, कंपनियों और एनबीएफसी में बहीखाता की सफाई की प्रक्रिया चल रही है। उन्‍होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि नीतिगत ब्याज दर में कटौती पर फिलहाल रोक लगाने से बाजार क्यों हैरान हैं, इस फैसले पर समय के साथ सही साबित होने की उम्मीद है।

दास ने कहा कि विवेकपूर्ण वृहद आर्थिक मानदंडों पर समझौता किए बिना, हमने वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दरों में कटौती, धन उपलब्धता की स्थिति सुधारने जैसे कदम उठाए हैं। अर्थव्यवस्था पर सूचनाओं और आंकड़ों के आधार पर चर्चा करने की जरूरत है।

दास ने कहा कि उम्मीद है कि व्यापार को लेकर अमेरिका-चीन के बीच समझ बनी रहेगी तथा आगे और मजबूती होगी। वैश्विक आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए सभी विकसित और उभरती अर्थव्यस्थाओं द्वारा समन्वित और समयबद्ध तरीके से कदम उठाने की आवश्यकता है।

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