मुंबई। पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक को चार निवेश प्रस्ताव मिले हैं। रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसके साथ ही रिजर्व बैंक (RBI) ने संकट में फंसे पीएमसी बैंक पर लगी पाबंदियों को 31 मार्च तक बढ़ा दिया है, जिससे उसके पुनर्गठन की योजना को अंतिम रूप दिया जा सके। रिजर्व बैंक ने सितंबर, 2019 में घोटाले का शिकार बने शहरी सहकारी बैंक पर ग्राहकों द्वारा जमा की निकासी सहित कई अंकुश लगाए थे। इनमें ग्राहकों द्वारा जमा की सीमित निकासी शामिल थी।
बैंक में घोटाला सामने आने के बाद केंद्रीय बैंक ने यह कदम उठाया था। पीएमसी बैंक का परिचालन कई राज्यों में है। उसके बाद बैंक के जमाकर्ताओं ने अपनी जमा की मांग को लेकर कई जगह विरोध प्रदर्शन किया था। पिछले महीने पीएमसी बैंक ने निवेश या इक्विटी भागीदारी के जरिये अपने पुनर्गठन के लिए संभावित निवेशकों से रुचि पत्र (ईओआई) मांगा था। संभावित निवेशकों को ईओआई 15 दिसंबर तक जमा कराना था।
बैंक को मिले 4 निवेश प्रस्ताव
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार कहा, ‘‘बैंक ने सूचित किया है कि ईओआई के जवाब में उसे चार प्रस्ताव मिले हैं। बैंक इन प्रस्तावों की व्यवहार्यता की समीक्षा करेगा। ऐसा करते समय बैंक जमाकर्ताओं के सर्वश्रेष्ठ हित का ध्यान रखेगा। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए बैंक को कुछ और समय की जरूरत होगी।’’
पीएमसी बैंक पर लगी पाबंदियां 31 मार्च तक बढ़ीरिजर्व बैंक ने कहा कि सभी अंशधारकों के हित को ध्यान में रखकर यह जरूरी है कि पूर्व में जारी निर्देशों को विस्तार दिया जाए। केंद्रीय बैंक ने कहा, ‘‘इसी के मद्देनजर जनता को सूचित किया जाता है कि 23 सितंबर, 2019 को जारी निर्देश, जिन्हें समय-समय पर संशोधित किया गया है, की वैधता को 23 दिसंबर, 2020 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2021 तक किया जा रहा है।
गौरतलब है कि, ऋण संबंधी धोखाधड़ी मामले में बैंक के कई वरिष्ठ कर्मचारियों के संलिप्त पाए जाने के बाद आरबीआई ने एक साल पहले सितंबर महीने में बैंक से पैसे निकालने पर रोक लगा दी थी और बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था। उस समय आरबीआई की ओर से बैंक में कई वित्तीय अनियमितताएं सामने आने के बाद कार्रवाई की गई थी। साथ ही, बैंक द्वारा रियल एस्टेट कंपनी एचडीआईएल को दिए गए लोन की सही जानकारी नहीं दी गई थी, इसमें भी घोटाले के आरोप हैं।
आरबीआई ने इसी साल 20 जून को जमाकर्ताओं के लिए नकदी निकासी की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया था। हालांकि, घोटाले का शिकार बने इस सहकारी बैंक पर नियामकीय अंकुश छह महीने के लिए बढ़ाकर 22 दिसंबर, 2020 तक कर दिया था।
इससे पहले, आरबीआई ने 5 जून 2019 को निकासी की सीमा प्रति जमाकर्ता बढ़ाकर 50,000 रुपये की थी। वहीं, 23 सितंबर को उसने कहा कि व्यापक स्तर पर घाटा और डिपोजिट में कमी पीएमसी बैंक के पुनरुद्धार के रास्ते में बाधा हैं। साथ ही, आरबीआई ने बैंक के लिए यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व महाप्रबंधक एके दीक्षित को नया प्रशासक नियुक्त कर दिया।
दरअसल, पीएमसी बैंक ने अवैध तरीके से एचडीआईएल ग्रुप को 6500 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था, जो सितंबर 2019 में बैंक के कुल लोन बुक साइज 8880 करोड़ रुपये का 73 फीसदी था। मार्च 2019 में बैंक का डिपोजिट बेस 11,617 करोड़ रुपये था।
इस घोटाले के सामने आने के बाद पीएमसी बैंक के पूर्व एमडी जॉय थॉमस और पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को पिछले साल अक्टूबर में मुंबई की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया था। इनके अलावा, बैंक के और भी कई वरिष्ठ अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था।