नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि अर्थव्यवस्था पर इस समय गहराए निराशा के बादलों के बीच कुछ रोशनी की किरणें भी दिख रही है। उन्होंने कहा कि जैसा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भी अनुमान लगाया है, 2021-22 में घरेलू अर्थव्यवस्था में तेजी के साथ रिकवरी देखने को मिलेगी। कोरोना वायरस संकट के बीच दास ने कहा कि वृद्धि की राह में मौजूद जोखिमों को कम करने के लिए केंद्रीय बैंक हर संभव नीतिगत उपाय करेगा। आईएमएफ ने वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2021 के दौरान तेज सुधार की उम्मीद जतायी है। आईएमएफ का अनुमान है कि 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.4 प्रतिशत के आस पास रहेगी और यह कोरोना और नरमी के पूर्व के स्तर पर आने लगेगी।
गवर्नर के मुताबिक कृषि क्षेत्र से संकेत राहत भरे हैं। उन्होंने कहा कि 10 अप्रैल तक के आंकड़ों के हिसाब से मानसून पूर्व खरीफ की फसल में बढ़त देखी गयी है। धान की बुवाई में पिछले मौसम के मुकाबले 37 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी है। धान खरीफ की प्रमुख पैदावार है। देशव्यापी लॉकडाउन के बावजूद पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, ओडिशा, असम, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य बुवाई में आगे रहे हैं। भारतीय मौसम विभाग ने 15 अप्रैल को अपनी भविष्यवाणी में 2020 के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून के सामान्य रहने का अनुमान जताया है। दास ने इन संकेतों को ग्रामीण मांग के लिए अच्छा बताया।