नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक ने पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी बैंक (पीएमसी) के उपभोक्ताओं के लिए निकासी की सीमा 25,000 रुपए से बढ़ाकर 40,000 रुपए कर दी है। इससे पहले आरबीआई ने 3 अक्टूबर को बैंक के ग्राहकों को अपने खाते से कुल जमा राशि में से 25,000 रुपए निकालने की अनुमति दी थी। यह कदम ग्राहकों के विरोध प्रदर्शन के बाद उठाया गया था। सबसे पहले आरबीआई ने निकासी की सीमा केवल 1000 रुपए तय की थी, जिसे बाद में बढ़ाकर 10,000 रुपए कर दिया गया था।
घटनाक्रम पर है सरकार की नजर
सरकार पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक मामले से जुड़े घटनाक्रमों पर बारीकी से नजर रखे हुए है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर ने भरोसा दिया है कि पीएमसी बैंक के ग्राहकों के हितों की रक्षा की जाएगी।
पीएमसी बैंक में वित्तीय अनियमितता का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय बैंक ने इस बैंक के ग्राहकों के लिये नकद निकासी की सीमा तय करने के साथ ही बैंक पर कई तरह के अन्य प्रतिबंध लगा दिए हैं।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि आरबीआई गवर्नर ने मुझे आश्वासन दिया है कि वह ग्राहकों के हित को ध्यान में रखेंगे और जल्द से जल्द उनकी दिक्कतें दूर करने का प्रयास किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जमा पर गारंटी की सीमा को एक लाख रुपए से बढ़ाने पर विचार कर सकती है। यदि ऐसा होता है तो इसे संसद के माध्यम से किया जाएगा।
डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) बैंक खाते में जमा ग्राहक की रकम का अधिकतम एक लाख रुपए का बीमा करती है। इसमें मूलधन और ब्याज दोनों रकम शामिल है। किसी वजह से बैंक का कामकाज बंद होने की स्थिति में जमाकर्ता को बीमा कंपनी इस रकम का भुगतान करती है।
वाधवन, सिंह समेत तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत 16 अक्टूबर तक बढ़ी
मुंबई की एक अदालत ने पीएमसी बैंक घोटाले मामले में सोमवार को हाउसिंग डेवलपमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एचडीआईएल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक राकेश कुमार वाधवन तथा उनके बेटे सारंग वाधावन और बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह की पुलिस हिरासत 16 अक्टूबर तक बढ़ा दी है।
पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक मामले में पुलिस ने तीनों आरोपियों को सोमवार को महानगर मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया। मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने तीनों की हिरासत की मांग की। पीएमसी बैंक में 4,355 करोड़ रुपए के घोटाले में शामिल होने के आरोप में वाधावन और उनके बेटे को तीन अक्टूबर और सिंह को पांच अक्टूबर को गिरफ्तार किया था।