नई दिल्ली। देश के दूसरे सबसे बड़े सार्वजनिक बैंक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 12,700 करोड़ रुपए का घोटाला सामने आने के लगभग एक महीने बाद भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मंगलवार को व्यापार ऋण के लिए बैंकों द्वारा जारी किए जाने वाले लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (गारंटी पत्र LoUs) और लेटर्स ऑफ कम्फर्ट (LoCs) जारी करने की सुविधा पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
केंद्रीय बैंक का यह फैसला उस घटना के बाद आया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि अरबपति डायमंड कारोबारी नीरव मोदी ने फर्जी गारंटीपत्रों के जरिये भारतीय बैंकों की विदेशी शाखाओं से करोड़ों रुपए की राशि हासिल की।
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि मौजूदा दिशानिर्देशों की समीक्षा के बाद, एडी श्रेणी-आई द्वारा भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण हेतु LoUs/ LoCs जारी करने की सुविधा को तत्काल प्रभाव से बंद करने का निर्णय लिया गया है। हालांकि भारत में आयात के लिए व्यापार ऋण हेतु लेटर्स ऑफ क्रेडिट और बैंक गारंटी जारी करना जारी रह सकता है।
लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (LoUs) और लेटर्स ऑफ कम्फर्ट (LoCs) एक ऋण पत्र हैं जिनके जरिये एक बैंक दूसरे भारतीय बैंक की विदेशी शाखा को ग्राहक की तरफ से जिम्मेदारी लेने का आश्वासन देती है। ऐसे उपकरण विदेशी व्यापार में काफी लोकप्रिय हैं और आरबीआई के इस कदम से भारत में आयात कारोबार से जुड़ी कंपनियों पर असर पड़ सकता है।