नई दिल्ली: आरबीआई के नाम एक ईमेल में कोविड-19 मुआवजे के रुप में यूनाइटेड नेशन्स के द्वारा 1.60 करोड़ रुपए देने का दावा किया जा रहा है। इस ईमेल में पर्सनल और बैंक डिटेल मांगी जा रही है। ताकि मुआवजा दिया जा सके। लेकिन पीआईबी फेक्ट चेक ने इस खबर की पोल खोल दी है। फेक्ट चेक में यह खबर फर्जी निकली है। पीआईबी फैक्ट चेक ने इसबारे में जनकारी देते हुए बताया है कि यह ईमेल फेक है। RBI कभी भी किसी भी प्रकार की व्यक्तिगत जानकारी के लिए जनता से संपर्क नहीं करता है।
इससे पहले कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बीते कुछ दिनों से खबरें थीं कि 100 रुपये, 10 रुपये और 5 रुपये के पुराने नोटों को भारतीय रिजर्व बैंक वापस लेने की योजना बना रहा है।
सोशल मीडिया पर ऐसी खबरों के लिंक भी जमकर शेयर किए जा रहे थे। कुछ लोग ऐसी खबरों के स्क्रीनशॉट भी जमकर शेयर कर रहे थे। इन खबरों में कहा जा रहा था कि 100 रुपए, 10 रुपए और 5 रुपए के पुराने नोट के बदले नए नोट पहले से ही सर्कुलेशन में आ चुके हैं।खबरों में ये भी दावा किया गया था कि आरबीआई पुराने नोट बंद करने से पहले लोगो को मौका देगी कि उन्हें बैंक में जमा कर लें। पैसा आपके अकाउंट में जमा कर दिया जाएगा। इस तरह पुराने नोट आसानी से नये नोटों में बदल जायेंगे। लेकिन, ऐसी खबरें बिलकुल गलत हैं, इनका कोई आधार नहीं है।
PIBFactCheck ने भी ऐसी सभी खबरों को गलत करार दिया था। PIBFactCheck ने ट्विट कर कहा था, "एक खबर में दावा किया जा रहा है कि आरबीआई द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मार्च 2021 के बाद 5, 10 और 100 रुपए के पुराने नोट नहीं चलेंगे। PIBFactCheck: यह दावा फ़र्ज़ी है। RBI ने ऐसी कोई घोषणा नहीं की है।"