मुंबई। रिजर्व बैंक ने विनिर्माण क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों के लिये विदेशों से कर्ज जुटाने के नियमों को सरल बनाया है। साथ ही भारतीय बैंकों को मसाला बांड के विपणन की अनुमति दी है। यह रुपये की विनिमय दर में गिरावट थामने के सरकार के उपायों के अनुरूप है। अर्थव्यवस्था का जायजा लेने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पिछले सप्ताह हुई समीक्षा बैठक के बाद सरकार ने रुपये में गिरावट को थामने और चालू खाते के बढ़ते घाटे पर अंकुश लगाने के लिये उपायों की घोषणा की। इसमें विदेशों से कर्ज लेने के नियमों में ढील समेत अन्य उपाय शामिल हैं।
आरबीआई ने बुधवार को जारी अधिसूचना में कहा, ‘‘सरकार के साथ विचार-विमर्श के बाद बाह्य वाणिज्यिक कर्ज (ईसीबी) नीति के कुछ पहलुओं को उदार बनाया गया है। इसमें रुपये में विदेशों में जारी होने वाले बांड (मसाला बांड) शामिल हैं।
संशोधित नीति के तहत विदेशों से कर्ज उठाने की पात्र इकाइयों को 5 करोड़ डालर या इसके समरूप राशि एक साल की न्यूनतम औसत परिपक्वता अवधि के लिये जुटाने की अनुमति होगी। इससे पहले औसत न्यूनतम परिपक्वता अवधि तीन साल थी। केंद्रीय बैंक ने नियमों में बदलाव लाते हुए भारतीय बैंकों को विदेशों में मसाला बांड के विपणन की अनुमति दे दी। अमेरिकी डालर के मुकाबले रुपया मंगलवार को लगभग 73 रुपये पर पहुंच गया। हालांकि, बुधवार को रुपया 61 पैसे मजबूत होकर 72.37 पर आ गया।