नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने और मध्यम वर्ग के लिए 3 लाख रुपए तक की आय पर शून्य आयकर और पांच लाख रुपए तक की आय पर टैक्स की दर 10 से घटाकर 5 प्रतिशत करने की घोषण से रियल एस्टेट सेक्टर में सुधार के जो सकारात्मक संकेत आए थे, वह आज आरबीआई के नीतिगत दरों में कोई बदलाव न करने से धूमिल होते नजर आ रहे हैं। रियल एस्टेट सेक्टर को पूरी उम्मीद थी कि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती करेगा, जिससे होम लोन सस्ता होगा और घर खरीदारों का मनोबल भी मजबूत होगा, जिससे सेक्टर को बल मिलता।
आरबीआई का आज का निर्णय वित्त संबंधी रहा, जिसमें रेपो रेट परिवर्तित ना हो कर 6.25 प्रतिशत पर रही स्थिर रखा गया। रिवर्स रेपो रेट 5.75 प्रतिशत रहा, एसएलआर 20.75 से कम होकर 20.50 हुआ, सीआरआर चार प्रतिशत और एमएसएफ 6.75 प्रतिशत रहा।
क्रेडाई(पश्चिमी उत्तर प्रदेश) के अध्यक्ष और गुलशन होम्स के डायरेक्टर दीपक कपूर का कहना है कि,
रियल एस्टेट बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, हम रेपो रेट में कम से कम 25 आधार अंकों की कटौती का अनुमान लगा रहे थे। इसका मुख्य कारण नोटबंदी के दौरान बैंको के पास भारी मात्रा में धनराशि का जमा होना है और इस कदम का प्रभाव सीधे तौर पर ग्राहकों को मिलता। वित्तीय वर्ष के अंत के ठीक पहले होने वाले रेपो रेट में कटौती का प्रभाव लोगो के आगामी निवेश योजनायों पर भी साफ नजर आता। खासतौर पर घर खरीदारों के लिए।
अंसल हाउसिंग के डायरेक्टर कुशाग्र अंसल कहते हैं कि,
हम लगभग कटौती के दौर में प्रवेश कर रहे थे, जिससे प्रॉपर्टी में भी पुनः डिमांड के लक्षण दिखने लगे थे। साथ ही इस साल के लोकलुभावन बजट को देखते हुए, रेपो रेट में कटौती का अनुमान लगाया जा रहा था। पर आरबीआई ने ऐसा नहीं किया। रेपो रेट में कटौती का असर सभी घर खरीदारों पर पड़ता। अभी भी पिछले रेपो रेट कट के लाभ पूरी तरह से ग्राहकों को मिलना बाकी था, ऐसे में फिर से रेपो रेट में कटौती से खरीदारों को ज्यादा लाभ मिलता।
साया ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर विकास भसीन का कहना है कि,
सभी को रेपो रेट में कटौती की उम्मीद थी। साल की शुरुआत में अफोर्डेबल हाउसिंग के अंतर्गत लिए गए ऋण पर सब्सिडी का देना और बैंक ब्याज दरों में हुइ 50 से 60 बेसिस प्वाइंट की कटौती को सबने सराहा। ऐसे में अगर आज रेपो रेट को भी कम किया जाता तो सभी भावी घर खरीदोरों को अपनी वित्तीय प्लानिंग में ज्यादा आसानी होती। हम अब अप्रैल में होने वाली पॉलिसी रिव्यू से रेट में घटौती की उम्मीद लगा सकते हैं।
क्रेडाई (पश्चिमी उत्तर प्रदेश) के उपाध्यक्ष और आरजी ग्रुप के एमडी राजेश गोयल का कहना है कि,
आरबीआई की तरफ से रेपो रेट में कोई भी बदलाव न होना बहुत ही चौकाने वाला रहा। रियल एस्टेट सेक्टर के जानकारों एवं डेवेलपर्स को इस बार करीब 25 से 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की उम्मीद थी। बाजार ने गति पकड़ना शुरू कर दिया था और बजट के बाद लोगों को दरों में और भी घटौती की उम्मीद थी। भावी खरीदारों को निराश होने की जरूरत नहीं हैं क्योंकि बाजार की मौजूदा स्थिति को देखते हुए हम बैंकों की ब्याज दरों में और भी गिरावट का अनुमान लगा सकते हैं।
महागुन ग्रुप के डायरेक्टर धीरज जैन का कहना है कि,
अर्थव्यवस्था में कम ब्याज दर का माहौल बनने से और नगदी की अधिकता से महंगाई का खतरा रहता है इसलिए आरबीआई इनफ्लेशन को पूरी तरह से कंट्रोल करने तक रेट कट नहीं करेगा। आज का रेटकट कर्जदारों को लाभ दे सकता था, जिससे ईएमआई में कमी आती और बाजार में मांग बढ़ती जिससे प्रॉपर्टी बाजार को गति मिलती।