नई दिल्ली। जैसा की अनुमान लगाया जा रहा था, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बार फिर नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। रेपो रेट को 6 फीसदी पर बरकरार रखा गया है, इसी तरह रिवर्स रेपो रेट 5.75 फीसदी और बैंक रेट 6.25 फीसदी पर कायम रहेगी। RBI ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ग्रोथ के अनुमान को 6.7 फीसदी पर कायम रखा है। पिछली पॉलिसी में भी इतनी ही ग्रोथ का अनुमान लगाया गया था। आरबीआई की अगली मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक 6-7 फरवरी 2018 को होगी, तब शायद प्रमुख ब्याज दरों में कटौती हो सकती है।
RBI की पॉलिसी की मुख्य बातें इस तरह से हैं
- नीतिगत दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है।
- भविष्य के लिए मौद्रिक नीति की दिशा को न्यूट्रल रखा गया है।
- MSF और बैंक रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है, 6.25 फीसदी पर कायम है।
- MPC के 6 सदस्यों में से 5 सदस्यों ने नीतिगत दरों को होल्ड रखने पर वोट किया है।
- रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की तीसरी और चौथी तिमाही के लिये मुद्रास्फीति अनुमान बढ़ाकर 4.3-4.7 प्रतिशत किया।
- वित्त वर्ष 2017-18 के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 6.7 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा।
- कृषि ऋण माफी, ईंधन पर उत्पाद शुल्क में आंशिक कमी, कई वस्तुओं पर जीएसटी दर घटाने से राजकोषीय लक्ष्य गड़बड़ा सकते हैं: रिजर्व बैंक
- रिजर्व बैंक ने डेबिट कार्ड से लेनदेन पर शुल्कों को तर्कसंगत बनाने का फैसला किया। इससे डिजिटल भुगतान को और प्रोत्साहन मिलेगा।
क्या कर्ज सस्ता होगा?
रिजर्व बैंक की तरफ से प्रमुख पॉलिसी दरों में कोई बदलाव नहीं होने की वजह से बैंकों पर कर्ज को सस्ता करने का दबाव नहीं रहेगा, जिससे बैंकों की तरफ से आने वाले दिनों में होम और कार लोन की दरों में कटौती होने की उम्मीद घट गई है।