नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने 500 रुपए और 2000 रुपए के नये नोटों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वपूर्ण योजना स्वच्छ भारत अभियान का लोगो छापने के बारे में निर्णय पर विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया। उसने इसके लिए सुरक्षा एवं अन्य कारणों का हवाला दिया। सूचना के अधिकार आरटीआई के तहत मांगी गयी एक जानकारी के जवाब में रिजर्व बैंक ने केंद्र सरकार की मुहिमों के प्रचार समेत नोटों पर विग्यापन छापे जाने संबंधी दिशानिर्देशों की नकल देने से भी इनकार कर दिया।
एक आरटीआई आवेदन की प्रतिक्रिया में रिजर्व बैंक ने कहा, पहले से सार्वजनिक जानकारियों के इतर नोटों का स्वरूप, सामग्री, डिजायन और सुरक्षा फीचर आरटीआई अधिनियम 2005 की धारा 81ए के खुलासे के दायरे से बाहर है। यह धारा उन सूचनाओं को सार्वजनिक किये जाने से रोकती है जिनसे देश की एकता और स्वायाता, राष्ट्र की सुरक्षा, रणनीतिक, वैग्यानिक अथवा आर्थिक हित , किसी अन्य देश से संबंध प्रभावित होते हों।
रिजर्व बैंक से उस आदेश, संवाद, परिपत्र अथवा सूचनापत्र की प्रति की मांग की गयी थी जिसमें 500 रुपये और 2000 रुपये के नये नोटों पर स्वच्छ भारत अभियान का लोगो और एक कदम स्वच्छता की ओर संदेश छापे जाने संबंधी निर्णय लिया गया था। यह आरटीआई आर्थिक मामलों के विभाग के पास दायर किया गया था। यह विभाग नोटों, सिक्कों, सुरक्षा दस्तावेजों तथा नोटों की छपाई एवं सिक्कों की ढलाई से जुड़ी योजना तथा समन्वय के मुद्दों पर नीतिगत निर्णय लेता है। विभाग ने प्रतिक्रिया के लिए आरटीआई को रिजर्व बैंक के पास भेज दिया था।