नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी नीति गत ब्याज दर रेपो रेट में 0.75 प्रतिशत की बड़ी कटौती करने का ऐलान किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को रेपो रेट 0.75 प्रतिशत घटाकर 4.4 प्रतिशत करने का ऐलान किया है। पहले रेपो रेट 5.15 प्रतिशत था। रेपो रेट में कटौती का फायदा सभी तरह के लोन के ब्याज दरों में कमी आने के रूप में मिलेगा।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने रिवर्स रेपो रेट में भी 0.90 प्रतिशत की कटौती करने की घोषणा की है। इससे बैंकों को सस्ता कर्ज मिलेगा और वे इसका फायदा अपने उपभोक्ताओं तक पहुंचाएंगे। शक्तिकांत दास ने कहा कि इस तरह के हालात पहले नहीं देखे गए हैं, पूरी दुनिया की इकोनॉमी के लिए यह मुश्किल वक्त है। सभी बैंकों के लिए सीआरआर में 100 आधार अंकों की कटौती की गई है और यह अब घटकर 3 प्रतिशत होगी। इससे बैंकिंग सिस्टम में तरलता बढ़ेगी और बैंक अधिक कर्ज वितरित करने में सक्षम होंगे। सीआरआर घटने से सिस्टम में 3.74 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त तरलता आएगी।
शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से देश की आर्थिक वृद्धि और अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा इसलिए आरबीआई अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए तैयार है। देश में वित्तीय स्थिरिता को सुनिश्चित करने के लिए आरबीआई हर जरूरी कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय बैंकिंग सिस्टम मजबूत और सुरक्षित है और किसी भी बैंक जमाकर्ता को घबराने की जरूरत नहीं है।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि कच्चे तेल के दाम और मांग में कमी से मुख्य मुद्रास्फीति कम होगी। उन्होंने कहा कि रेपो दर में कमी से कोरोना वायरस महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने में मदद मिलेगी। कोरोना वायरस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था पर असर, वैश्विक मंदी की आंशका है। दास ने बताया कि मौद्रिक नीति समिति के चार सदस्यों ने रेपो दर में कटौती के पक्ष में जबकि दो ने विरोध मे मतदान किया था। आरबीआई की स्थिति पर कड़ी नजर है और नकदी बढ़ाने के लिए हर कदम उठाए जाएंगे।