नई दिल्ली। RBI के नए गवर्नर उर्जित पटेल ने दिवाली से पहले ब्याज दरें 0.25 फीसदी घटाकर बड़ा तोहफा दिया है। आरबीआई नेे मंगलवार को जारी मौद्रिक नीति में रेपो रेट 0.25 फीसदी घटा दिया है। रेपो रेट 6. 50 फीसदी से घटकर 6.25 फीसदी पर आ गया है। वहीं, रिवर्स रेपो रेट 6 फीसदी से घटकर 5.75 फीसदी हो गई है। जनवरी-मार्च में महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि अब सभी की निगाहें बैंकों पर टिकी है कि वो कब तक ब्याज दरें घटाते है।
- आरबीआई ने रेपो रेट 0.25 फीसदी घटाया।
- रेपो रेट 6.50 से घटाकर 6.25 फीसदी किया
- रिवर्स रेपो रेट 6 से 5.75 फीसदी हुआ।
- जनवरी-मार्च में महंगाई दर 5.3 फीसदी रहने की उम्मीद।
- 2016-17 के लिए महंगाई दर का आलटलुक सुधारा।
- जीएसटी से एक बार महंगाई पर पड़ेगा असर।
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खुदरा मुद्रास्फीति मार्च 2017 तक 5.0 प्रतिशत रहने का अनुमान, इसके इससे ऊंचे रहने का भी जोखिम।
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रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को 7.6 प्रतिशत पर बरकरार रखा।
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लघु बचत योजनाओं की दरों में कटौती से बैंक कर्ज सस्ता करने को प्रोत्साहित होंगे।
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इस बार पॉलिसी रेट्स पर मेजॉरिटी से हुआ फैसला
- मौद्रिक नीति समिति के सभी छह सदस्यों ने नीतिगत ब्याज दर में कटौती के पक्ष में मत दिए।
- पहले आरबीआई गवर्नर इंटरेस्ट रेट पर मुहर लगाते थे। लेकिन अब सरकार ने इस व्यवस्था को बदल दिया है।
- इस बार सरकार द्वारा गवर्नर की अगुआई वाली छह सदस्यीय एमपीसी ने मेजॉरिटी के आधार पर फैसला लिया है।
- इस कमिटी में तीन मेंबर्स सरकार ने अप्वाइंट किए हैं, वहीं आरबीआई के तीन मेंबर्स हैं।
- आरबीआई गवर्नर इस कमिटी में महज एक मेंबर के तौर पर हैं, हालांकि उन्हें टाई की स्थिति में वीटो पावर का इस्तेमाल का अधिकार दिया गया है।
- आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाले 6 सदस्यीय पैनल की दो दिवसीय बैठक मंगलवार की दोपहर खत्म होने के बाद पहली बार पॉलिसी दोपहर 2:30 बजे पेश हुई है।
- इसमें इनफ्लेशन, क्रेडिट ऑफटेक और ग्रोथ, फॉरेन ट्रेड व ग्लोबल इकोनॉमिक फैक्टर्स सहित कई मसलों पर चर्चा हुई।
उर्जित पटेल ने क्या कहा
- बैंकों के एनपीए आरबीआई के लिए चिंताजनक बना रहेगा।
- आईएमएफ आगे वैश्विक अर्थव्यवस्था की ग्रोथ के अनुमान को और घटा सकती है।
- रिजर्व बैंक गवर्नर का अनुमान, वैश्विक वृद्धि की संभावनाओं को अभी और कम किया जा सकता है
- अगली मौद्रिक समीक्षा बैठक 7 दिसंबर को
- रिजर्व बैंक के अनुसंधान विभाग का अनुमान जनवरी-मार्च, 2017 में मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत पर रहेगी, जो इसके पहले की तिमाही के 5 प्रतिशत से ऊंची होगी।
- अगले साल वृद्धि दर बढ़कर 7.9 प्रतिशत पर पहुंचने का अनुमान है
- वेतन आयोग की सिफारिशों से मूल्य पर दबाव बनेगा
- अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों, कच्चे तेल की कीमतों और वैश्विक मांग को लेकर अनिश्चितता
- रिजर्व बैंक सरकार के साथ विचार-विमर्श करके स्टार्ट-अप कंपनियों को हर साल तीस लाख डॉलर तक विदेशी वाणिज्यिक ऋण जुटाने की छूट देगा।
- नोट और सिक्कों के लाने-ले जाने के दौरान सुरक्षा मजबूत बनाने के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित होगी।
क्या होती है रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को कर्ज देता है। इस दर में कटौती के बाद बैंकों को सस्ता कर्ज मिलने लगता है। जिसे वे घर और वाहन ऋण की दरें घटाकर उपभोक्ताओं को पास करते हैं।