मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार तीसरी बार रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती करने का ऐलान किया है। ताजा कटौती के बाद रेपो रेट 6 से घटकर 5.75 प्रतिशत हो गया है। यह पिछले 9 साल में सबसे कम है। वित्त वर्ष 2019-20 में दूसरी बार RBI ने दरें घटाने का फैसला किया है। नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में आरबीआई की यह पहली समीक्षा बैठक थी। 6 सदस्यों वाली मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) की अगुवाई RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास कर रहे हैं। जानिए RBI की तरफ से घोषित की गई मौद्रिक नीति में की गई घोषणाओं से आपको क्या फायदा होगा।
ये होंगे आपको लाभ
- रेपो रेट कम होने से बैंकों को आरबीआई से सस्ती फंडिंग प्राप्त हो सकेगी, इसलिए बैंक भी अब कम ब्याज दर पर होम, कार लोन सहित अन्य लोन ऑफर कर पाएंगे। इसका फायदा उन लोगों को सीधा मिलेगा जिनकी होम लोन या ऑटो लोन चल रही है। इसके अलावा बैंक से नए लोन लेने की स्थिति में भी पहले के मुकाबले ज्यादा राहत मिलेगी।
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केंद्रीय बैंक ने रिवर्स रेपो दर 5.50 प्रतिशत कर दिया है जबकि उधार की सीमांत स्थायी सुविधा (मार्जिनल स्टैंडिंग फेसिलिटी रेट/एमएसएफ) पर ब्याज दर और बैंक दर 6.0 प्रतिशत की गई।
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रिजर्व बैंक ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी वृद्धि दर अनुमान को पहले के 7.2 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया। अपने पिछले पॉलिसी रिव्यू में RBI ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए GDP की ग्रोथ रेट 7.4 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया था।
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इस कटौती के बाद अब बैकों के पास पहले के मुकाबले अधिक नकदी रहेगी और वह कर्ज की दरों में कटौती कर सकते हैं।
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इनफ्लेशन के मामले में RBI को राहत है। महंगाई दर अभी RBI के 4 फीसदी मीडियम टर्म टारगेट के नीचे है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के लिए खुदरा महंगाई दर का लक्ष्य 3-3.1 फीसदी रखा है। वहीं, दूसरी छमाही के लिए महंगाई का अनुमान 3.4 से 3.7 फीसदी रहने का लक्ष्य रखा है। रिजर्व बैंक ने माना है कि हाल के दिनों में ग्रामीण खपत में कमी आई है।
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आरबीआई ने एटीएम शुल्क और बैंकों द्वारा विभिन्न सेवाओं पर लिए जाने वाले शुल्कों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है।
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रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्य रेपो दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती और नीतिगत रुख में बदलाव के पक्ष में रहे।
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आरबीआई ने एटीएम शुल्क और बैंकों द्वारा विभिन्न सेवाओं पर लिए जाने वाले शुल्कों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया है। साथ ही कहा है कि बैंकों को अपने ग्राहकों को यह लाभ देना होगा।
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डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए आरबीआई ने आरटीजीएस और एनईएफटी पर शुल्क समाप्त कर दिया है।
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मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee/एमपीसी) की बैठक का ब्योरा 20 जून 2019 को जारी किया जाएगा। समिति की अगली बैठक 5-7 अगस्त 2019 को होगी।
ये होता है रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। दरअसल जब भी बैंकों के पास फंड की कमी होती है, तो वे इसकी भरपाई करने के लिए केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई से पैसे लेते हैं। आरबीआई की तरफ से दिया जाने वाला यह लोन एक फिक्स्ड रेट पर मिलता है। यही रेट रेपो रेट कहलाता है। इसे भारतीय रिजर्व बैंक हर तिमाही के आधार पर तय करता है।
RBI की नई ब्याज दरें
रेपो रेट : 5.75%
रिवर्स रेपो रेट : 5.50%
CRR : 4%
SLR : 19%