मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने वृद्धि दर के अनुमान को 7.6 प्रतिशत से घटाकर 7.1 प्रतिशत कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि नोटबंदी की वजह से वृद्धि के नीचे जाने का जोखिम है। इससे लघु अवधि में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित होंगी और मांग घटेगी।
रिजर्व बैंक ने कहा कि निकट भविष्य में इन जोखिमों से आर्थिक गतिविधियों में लघु अवधि में नकदी आधारित क्षेत्रों में अड़चन आ सकती है। इन क्षेत्रों में खुदरा व्यापार, होटल और रेस्तरां तथा परिवहन शामिल हैं। साथ ही नोटबंदी से असंगठित क्षेत्र प्रभावित होगा और मांग में कमी आएगी।
रिजर्व बैंक ने आज चालू वित्त वर्ष की पांचवीं मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए कहा, तीसरी तिमाही में वृद्धि की रफ्तार में बाधा तथा चौथी तिमाही में इसके असर साथ में ऊंचे कृषि उत्पादन के परिप्रेक्ष्य में उपभोक्ता मांग में बढ़ोतरी तथा सातवें वेतन आयोग के क्रियान्वयन से 2016-17 के लिए जीवीए वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर 7.1 प्रतिशत कर दिया गया है। पहले इसका अनुमान 7.6 प्रतिशत लगाया गया था।
चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.1 प्रतिशत और 7.3 प्रतिशत दर्ज की गई है।