नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अगले कुछ महीने में नीतिगत दरों में 0.50 फीसदी और कटौती की गुंजाइश है। बैंक ऑफ अमेरिका मेरिल लिंच (बोफा-एमएल) की रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी और अप्रैल में केंद्रीय बैंक नीतिगत दरों में चौथाई-चौथाई प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
बोफा-एमएल के अनुसंधान नोट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक 7 दिसंबर की मौद्रिक समीक्षा में यथास्थिति कायम रखेगा। वैश्विक वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी ने कहा कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के पिछले सप्ताह आए मिनट्स से केंद्रीय बैंक के आगामी महीनों में नरम रख अपनाने का संकेत मिलता है।
- नोट में कहा गया है कि रिजर्व बैंक अप्रैल में नीतिगत दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
- उससे पहले वह 7 फरवरी की मौद्रिक बैठक में भी ब्याज दरों में चौथाई फीसद की कटौती कर सकता है।
- नोट में नीतिगत दरों में आधा प्रतिशत कटौती के लिए पांच वजह गिनाई गई हैं।
- मुद्रास्फीति नीचे आने की संभावना है।
- 2017 की शुरूआत में आधा प्रतिशत की कटौती से बैंकों को यह संकेत जाएगा कि उन्हें अपना कर्ज सस्ता करना है।
- इससे रुपए को समर्थन मिलेगा और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों का प्रवाह बढ़ेगा।
- दिवाला संहिता तथा जीएसटी कानून से एमपीसी को यह भरोसा होगा कि सरकार सुधारों को आगे बढ़ाने को प्रतिबद्ध है।