नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर डा. विरल आचार्य द्वारा अपना कार्यकाल समाप्त होने के 6 माह पहले ही पद से इस्तीफा देने की खबरें सामने आने के बाद केंद्रीय बैंक ने अपनी सफाई दी है।
आरबीआई ने सोमवार को एक बयान जारी कर कहा है कि मीडिया के कुछ हिस्सों में ऐसी खबरें आई हैं कि डिप्टी गवर्नर डा. विरल आचार्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है, जबकि इस संबंध में सच्चाई यह है कि डा. आचार्य ने कुछ सप्ताह पहले आबीआई को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने अपरिहार्य व्यक्तिगत परिस्थितियों की वजह से 23 जुलाई, 2019 के बाद से आरबीआई के डिप्टी गवर्नर के रूप में अपना कार्यकाल आगे जारी रखने में असमर्थता जताई थी।
उनके पत्र के बाद उत्पन्न स्थिति पर केंद्रीय बैंक की नजर है और सक्षम प्राधिकार उनके प्रस्ताव पर विचार कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 10 दिसंबर को गवर्नर उर्जित पटेल द्वारा अचानक इस्तीफा देने के बाद से ही चर्चा थी कि अब विरल आचार्य भी अपने पद से इस्तीफा देंगे।
आचार्य को तीन साल के लिए 23 जनवरी 2017 को डिप्टी गवर्नर के पद पर नियुक्त किया गया था। फरवरी 2020 में उन्हें सीवी स्टार प्रोफेसर ऑफ इकनॉमिक्स के रूप में न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी स्टर्न स्कूल ऑफ बिजनेस (एनवाईयू स्टर्न) लौटना था, लेकिन आचार्य इस साल अगस्त में ही जा रहे हैं।