मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों से एटीएम पर तकनीकी कारणों से असफल होने वाले लेन-देन और खाते की शेष राशि की जानकारी को हर माह मिलने 'मुफ्त एटीएम लेनदेन' में नहीं गिनने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा केंद्रीय बैंक ने बैंकों से एटीएम के जरिए शेष राशि की जानकारी और धन हस्तांतरण को भी ग्राहकों की दिए जाने वाले 'मुफ्त एटीएम लेनदेन' में नहीं गिनने के लिए कहा है।
बैंक ग्राहकों को एटीएम पर एक निश्चित संख्या तक लेनदेन मुफ्त उपलब्ध कराते हैं। उससे ऊपर उन्हें शुल्क चुकाना होता है। केंद्रीय बैंक के संज्ञान में लाया गया था कि कई बार लेनदेन एटीएम पर तकनीकी खराबी या नकदी की अनुपलब्धता के चलते असफल हो जाते हैं और इन लेनदेन को भी मुफ्त एटीएम लेनदेन के तौर पर गिन लिया जाता है। इसके बाद रिजर्व बैंक ने इस संबंध में नियमों का स्पष्टीकरण देते हुए बैंकों से कहा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि हार्डवेयर या सॉफ्टवेयर से जुड़े मुद्दों जैसे तकनीकी कारणों से असफल होने वाले लेनदेनों, नकदी की अनुपलब्धता या अन्य कारणों से विफल हुए लेनदेनों को बैंकों को ग्राहक को मिलने वाले मुफ्त एटीएम लेनदेनों में नहीं गिनना चाहिए।'
रिजर्व बैंक ने कहा कि इनके लिए बैंक कोई शुल्क नहीं ले सकते हैं। इसके अलावा नकदी आहरण से अलग जैसे कि खाते में बाकी राशि की जानकारी, चेकबुक आवेदन, कर का भुगतान, कोष का स्थानांतरण इत्यादि को भी मुफ्त एटीएम लेनदेनों में नहीं गिना जाना चाहिए।
अभी देश का सबसे बड़ा बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) सामान्य सेविंग अकाउंट पर 8 फ्री ट्रांजेक्शन देता है। एसबीआई 5 फ्री ट्रांजेक्शन एसबीआई एटीएम और तीन अन्य बैंकों पर देता है। छोटे शहरों में 10 फ्री ट्रांजेक्शन की सुविधा मिलती है।
आरबीआई ने बदले एटीएम से जुड़े नियम
अब बैंक नॉन कैश ट्रांजेक्शन जैसे बैलेंस की जानकारी, चेक बुक अप्लाई, टैक्स पेमेंट या फंड ट्रांसफर को एटीएम ट्रांजेक्शन में नहीं गिना जाएगा। यानी ये अब फ्री ट्रांजेक्शन में नहीं गिना जाएगा। इसके अलावा बैंक फेल ट्रांजेक्शन को भी एटीएम ट्रांजेक्शन में नहीं गिना जाएगा। पिन वैलिडेशन की वजह से एटीएम ट्रांजेक्शन फेल होने को भी एटीएम ट्रांजैक्शन में नहीं गिना जाएगा। आरबीआई ने कहा है कि बैंक फेल ट्रांजेक्शन पर चार्ज नहीं वसूल सकते।