नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साइबर सुरक्षा प्रणाली मजबूत करने के लिए एक समिति का गठन करने की घोषणा बुधवार को की। यह समिति साइबर बैंकिंग प्रणालियों के समक्ष खतरों की समीक्षा कर उनसे निपटने के उपाय सुझाएगी। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ होंगे।
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RBI ने एक बयान में कहा कि
बैंक साइबर हमलों से सुरक्षा के लिए अपनी चौकसी मजबूत कर रहे हैं फिर भी हाल में इस प्रकार के हमलों में अपनाए गए नए नए तरीकों को देखते हुए साइबर सुरक्षा के परिदृश्य की लगातार समीक्षा करते रहने की जरूरत महसूस की गई है।
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- RBI ने कहा कि इस उद्येश्य से साइबर सुरक्षा पर एक स्थायी समिति बनायी जा रही है जिसमें विभिन्न विधाओं के लोगों को रखा जाएगा।
- RBI बैंकों को साइबर सुरक्षा के बारे मे पहले भी सावधान कर चुका है और उन्हें इसके लिए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।
- पिछले साल इसी तरह के हमले में भारतीय बैंकों के 32.14 कार्ड की सुरक्षा खतरे में आ गयी थी।
- यह अब तक का सबसे बड़ा हमला बताया गया था।
- बैंकों के क्रेडिट डेबिट कार्ड की गोपलनीय सूचना चुराकर 19 बैंकों से 641 ग्राहकों के कुल 1.3 करोड़ रुपए गायब किए जाने के मामले आ चुके हैं।
- भारत में 75 लाख कार्ड चलन में हैं। इनमें से 19 करोड़ रुपे कार्ड हैं।
RBI बनाएगा प्रवर्तन विभाग
- RBI ने बुधवार को अपनी द्वैमासिक समीक्षा में कहा कि वह एक अलग प्रवर्तन विभाग गठित कर रहा है जो अगले वित्त वर्ष से काम शुरू करेगा।
- यह विभाग केंद्रीय बैंक द्वारा लागू नियमों का अनुपालन न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
- RBI ने आज मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करते हुए एक बयान में कहा, नियमों को लागू कराने की एक मजबूत व्यवस्था और प्रक्रिया विकसित करने के लिए एक अलग प्रवर्तन विभाग स्थापित करने का निर्णय किया गया है।
- RBI ने कहा है कि इसको आगामी पहली अप्रैल से चालू करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं।
- उसने कहा है कि नियमन, निगरानी और नियमों का प्रवर्तन कराना वित्तीय क्षेत्र के लिए अहम कार्य है।