नई दिल्ली। शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने आम लोगों के लिए दो-दो बड़ी घोषणाएं की हैं। जहां एक ओर आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक में लगातार पांचवी बार प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की और कटौती की गई है जो कि अब रेपो दर 5.40 प्रतिशत से घटकर 5.15 प्रतिशत रह गई है। वहीं इसके अतिरिक्त आरबीआई ने नेशनल इलेक्ट्रिक फंड ट्रांसफर (NEFT) को लेकर भी बड़ा ऐलान किया है।
डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अब ग्राहकों को दिसंबर से 24 घंटे एनईएफटी के जरिए लेन-देन की सुविधा मिलेगी। मौजूदा समय में ग्राहक इस सेवा का लाभ महीने के दूसरे और चौथे शनिवार को छोड़कर हर वर्किंग डे पर उठा रहे हैं। यह सुबह आठ बजे से लेकर शाम 7:45 बजे तक उपलब्ध रहती है।
एमपीसी की बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बयान जारी कर बताया कि एनईएफटी का इस्तेमाल अब वर्किंग डेज यानी बैंक के कामकाजी वाले दिन में 24 घंटे हो सकेगा। आपको बता दें कि आरबीआई ने हाल में रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) और एनईएफटी के जरिए होने वाला लेन-देन निशुल्क कर दिया था। यह नियम एक जुलाई से लागू हो चुका था। डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया है। बैंकों से कहा गया है कि वे ग्राहकों को इसका फायदा दें।
क्या है NEFT ?
NEFT यानी नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर, आपको बता दें कि एनईएफटी देश में बैंकों के जरिए फंड ट्रांसफर करने यानी एक से दूसरी जगह भेजने का आसान तरीका है। इंटरनेट के जरिए दो लाख रुपए तक के लेन-देन के लिए एनईएफटी का इस्तेमाल किया जाता है। इसके जरिए किसी भी शाखा के किसी भी बैंक खाते से किसी भी शाखा के बैंक खाते को पैसा भेजा जा सकता है। बस एक शर्त ये है कि भेजने वाले और पैसा पाने वाले, दोनों के पास इंटरनेट बैंकिंग सेवा का होना जरूरी है। अगर दोनों खाते एक ही बैंक के हैं तो सामान्य स्थिति में कुछ सेकेंड्स के अंदर पैसा ट्रांसफर हो सकता है।